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Wednesday, April 24, 2024
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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

फैशन फोटोग्राफी की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहती...

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राजू बोहरा, नयी दिल्ली अगर किसी भी कामयाब एक्टर या मॉडल से यह पूछा जाये कि कैरियर के शुरूआती दौर यानी स्ट्गल के दिनों में...

… कुछ भी बन बस कायर मत बन !

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‘सबसे ख़तरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना कुछ भी बन बस कायर मत बन’। पाश  की यह लाइन जीने की कला सिखाती है, भारतीय शिक्षा...

मोदी बनाम गुमनाम का पीएम कुर्सी वार

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विकास कुमार गुप्ता// हालिया भाजपा की राष्ट्रीय परिषद बैठक में नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति ने पीएम कुर्सी  द्वंद के बादल और भी गहरे कर दिये...

एसिड पीड़िता ने बिहार सरकार से की खुली अपील, माँगा संपूर्ण...

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Bablu Kumar Prakash// “संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित पीड़िता ने कहा”। ‘जब मैंने उनलोगों की छेड़खानी का विरोध किया और गलत मांग मानने से इंकार किया तो...

रंगकर्म समर्पित जीवन जिया गोपाल शरण ने

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-    रविराज पटेल// रंगमंच और जीवन का कदमताल: "ठाकुर बाबा हो, हम गोरबा लागु तोर, बेच के गगरिया, चढ़ाउआ तैयार करेला , पुजारी बताबेला हमरा के चोर ..." तीस...

“तुम्हारा स्थान” (कविता)

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अक्षय नेमा// तुम जान सकती हो मेरे अन्दर की ज्वाला को, देख सकती हो भड़कते हुए अंगारे, और छू सकती हो मेरे अन्दर के तूफानों को। मगर दूसरा वो किनारा, जहाँ खिल रहे है प्रेम...

देवताओं की साजिश (कहानी)

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मेरा बचपन किताबों से खेलता रहा, किताबों में सोता रहा, किताबों में जागता रहा। मेरे पिता ब्रजभाषा के विद्वान् थे, और घर, घर से...

भोजपुरी सिनेमा का स्वर्णिम वर्षगांठ मनाया गया

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-    मुरली मनोहर श्रीवास्तव, वरिष्ठ टी वी पत्रकार // आज  से पचास साल पूर्व  उत्तर भारत के लोकप्रिय और मृदुल भाषा ‘भोजपुरी’ को पहला सिनेमा “गंगा मैया तोहे पियरी...

दो दौरों की एक कहानी

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संजय राय,  नई दिल्ली दुनिया में छाई आर्थिक मंदी के बीच अमेरिका और समूचे यूरोप के देश मायूसी के माहौल से बाहर निकलकर बीते खुशगवार...

बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को मोबाइल से धमकी

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सुगौली, वीरेन्द्र कुमार बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के सरकारी मोबाइल पर जान मारने की धमकी देने का मामला प्रकाश में आया है। जिसको लेकर बाल...