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Friday, April 26, 2024
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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

फिल्म या सीरियल मैकिंग एक जुनून है: सोमजी आर शास्त्री

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राजू बोहरा, नई दिल्ली कहते हैं इस संसार में कोई भी इंसान जन्म से न तो विद्वान होता है और न ही बुद्धिमान। मनुष्य कड़ी...

मैं क्वालिटी में देने में यकीन रखती हूँ सुशीला भाटिया

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राजू बोहरा, नई दिल्ली निर्मात्री-निर्देशिका सुशीला भाटिया का नाम छोटे-पर्दे के दर्शकें के लिए किसी खास परिचय का मोहताज नहीं है। वह पिछले बीस वर्षों...

आसान नहीं है नेपाल में लोकतंत्र की राह

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संजय राय, नई दिल्ली नेपाल में बीते शनिवार यानि पांच मई को राष्ट्रीय सरकार का गठन हुआ। तीन मई को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने...

नाइटशेड की पड़ताल अब साधना न्यूज पर

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तेवरआनलाईन, पटना नाइटशेड मीडिया प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड ने एक बार फिर से पड़ताल... कितना बदला बिहार और कहां पहुंचा झारखंड के साथ धमाकेदार इंट्री ली है बिहार...

ग्रामीण भारत की शानदार तस्वीर है ‘कभी तो मिल के सब...

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राजू बोहरा, नई दिल्ली आज के इस आधुनिक दौर में भले ही प्राइवेट इंटरटेनमेंट चैनल्स की संख्या लगातार बढ़ रही हो, लेकिन सच यही है...

“लोग भूल गये ,हिन्दी चित्रपट में चित्रगुप्त का संगीत “

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--रविराज पटेल, तड़पाओगे तड़पा लो हम तड़प तड़प कर भी तुम्हारे गीत गायेंगे... (बरखा- १९५९ ) ऐसे गीतों को मर्म संगीत से चित्रगुप्त ही सजा...

यहां जुबां नहीं, कला बोलती है

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शिव दास, नई दिल्ली सात दिनों तक चली कला प्रदर्शनी का समापन ग्रेटर नोएडा । स्थानीय नॉलेज पार्क-दो के कलाधाम परिसर स्थित ए -69 स्टूडियो में...

एक खूबसूरत ख्वाब है भारत-पाक के बीच बेहतर संबंध

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संजय राय, नई दिल्ली पिछले दिनों पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की निजी भारत यात्रा के बाद आपसी संबंधों को लेकर एक बार फिर...

रिश्तों को यूँ तोड़ते, जैसे कच्चा सूत

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// रघुविन्द्र यादव // रिश्तों को यूँ तोड़ते, जैसे कच्चा सूत. बंटवारा माँ-बाप का, करने लगे कपूत. स्वार्थ की बुनियाद पर, रिश्तों की दीवार. कच्चे धागों की तरह,...

पर्ल्स पंजाबी रत्न अवार्ड 2012 में छाया सितारों का जादू

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राजू बोहरा, नई दिल्ली ‘पर्ल्स पंजाबी रत्न अवार्ड  2012 का आयोजन दिल्ली के प्यारेलाल भवन में संपन्न हुआ। इस मौके पर फिल्म इंडस्ट्री के कई...