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Tuesday, May 7, 2024
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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

मजदूरों को चूसता हिंडाल्को व दुम हिलाते पत्रकार

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शिवदास एशिया की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक कंपनी हिंडाल्को का कहर संविदा श्रमिकों पर निरंतर जारी है। कंपनी के जुर्म से आजीज आकर रेणकूट इकाई...

नक्सल मूवमेंट को टटोलने की कोशिश (पुस्तक समीक्षा)

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वी. राज बाबुल, नई दिल्ली नक्सल मूवमेंट के कई अनछुये पहलुओं से रू-ब-रू होने का मौका कम ही मिलता है। अखबार में छपे कई शब्द...

खुद बीमार है पटना आयुर्वेदिक कालेज अस्पताल

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बुनियादी सुविधाओं के लिए मरीजों ने मानवाधिकार आयोग से गुहार लगाई प्रियरंजन कुमार “राही”, पटना बिहार में चिकित्सा के नाम पर एक ओर निजी क्लिनिक वाले...

कहीं डायनासोर की तरह विलुप्त न हो जाये हाथी मेरे साथी

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नीतीश कुमार, पटना वर्षों पहले हाथी मेरे साथी नामक एक फिल्म काफी पॉपुलर हुई थी। इसमें आदमी और हाथी की दोस्ती की कहानी कही गई...

छल-कपट व वंशवाद में बिखर गये जेपी के सपने

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अविनाश नंदन शर्मा, नई दिल्ली बदलती भारतीय राजनीति की तस्वीर में कांग्रेस का उत्थान पतन भी अपने आप में अजीबो गरीब कहानी है। वास्तव में...

आवाम को क्या लाभ हुआ अयोध्या पचड़े से ???

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इलाहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ पीठ ने अयोध्या मसले पर अपना निर्णय दिया है। पिछले 6 दशक से यह मामला चल रहा था। इसके कई रंग...

रेखा की बगावत के बाद पूरे गांव में बाल विवाह पर...

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नीतीश कुमार, पटना पिछले वर्ष पुरुलिया ज़िले की 12 वर्षीय बीड़ी मजदूर रेखा कालिंदी ने शादी से इंकार कर अनेक लड़कियों को रास्ता दिखाया और...

पत्थर की खादानों में लाश बिछाते नौकरशाही, सफेदपोश व खनन माफिया

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शिव दास   गरीबी, बेरोजगारी, जिम्मेदारी और लाचारी से बेहाल विंध्य क्षेत्र के आदिवासियों की संस्कृति का अस्तित्व खतरे में है । लाल किले पर अपनी...

नीतीश सरकार के स्पोक्समैन की भूमिका में एक वरिष्ठ पत्रकार

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मुकेश कुमार सिन्हा, पटना बिहार में चुनावी बयार तेज हो चुका है, ऐसे में हवा का रुख देखकर फटाफट नेता अपनी पार्टी बदल रहे हैं।...

गांवों और कस्बों में घुट रही है पत्रकारिता

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  शिवदास आप हर रोज अपने बेडरूम में खिड़कियों और दरवाजों के झरोखों से आती सूरज की किरणों के बीच आंखें खोलते हैं, तो पहले आपको...