लिटरेचर लव
आंसू से पत्र लिखा हूं …(कविता)
अनंत//
आंसू से पत्र लिखा हूं
प्रियवर तुम्हें पढने को
गीले कागज पर लिखे शब्दों क़ो
मन की आखों से देख-देख
दिल की आखों से पढ़ना तुम,
मन मन्दिर के दरवाजे को
चहु ओर खोल देना तुम
पत्र पढ़कर पुलकित होना
अपनी मुस्कान बिखेरना तुम,
जब भी उदास देखता तुमको
झर झर आंसू टपके अंखियन से
मोल समझो इन असुअन की
आंसू नहीं ये मोती हैं
चुन चुन कर इन मोतियों को
बेशकीमती माला बनाना तुम,
इस माले को गले में डालकर
अपने ह्रदय स्थल में झाकना तुम,
उस ह्रदय में बैठे शख्स को
पह्चानना तुम,
वो शख्स कोई और नहीं
सिर्फ तुम्हारा सखा होगा
अपने सखा को गले लगाकर
सुखमय जीवन का नवरंभ करो ।।