केवल सरकारी तंत्र व स्कूली बच्चे ही मानव श्रृंखला में शामिल हुए :पप्पू यादव
पटना: जन अधिकार पार्टी (लो) ने शराबबंदी के समर्थन में आयोजित मानव श्रृंखला को नाकामयाब बताया है। पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री श्रीभगवान सिंह कुशवाहा ने जारी अपने संयुक्त बयान में कहा कि मानव श्रृंखला को राज्य के आमलोगों का समर्थन नहीं मिला। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मानव श्रृंखला के माध्यम से चेहरा चमकाने की मुहिम फेल हो गई। उन्होंने कहा कि केवल सरकारी तंत्र और स्कूली बच्चे ही मानव श्रृंखला में शामिल हुए। उन्होंने पूछा कि क्या ये पतंगबाजी के बाद 24 मौत की नाकामियों को छुपाने की कोशिश नहीं है? पूर्ण शराबबंदी कहां है? शराब तो अब भी मिलती है, वह भी आसानी से। नीतीश कुमार के झूठ के सहारे से बनी विकास पुरुष की इमेज पर आज जनता ने पानी फेर दिया।
जन्दाहा में मानव श्रृंखला में भाग लेने जा रही एक स्कूल की बच्ची को ट्रक ने रौंद दिया। उन्होंने सरकार से पूछा कि जन्दाहा में मानव श्रृंखला में शामिल होने जा रही बच्ची की मौत का जिम्मेदार कौन है। राज्य सरकार ने मानव श्रृंखला के नाम पर उस मासूम बच्ची की बली चढ़ा दी। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर,सुपौल, समस्तीपुर, मधेपुरा, पूर्णिया, प. चंपारण के अलावा कई अन्य जिलों के स्कूलों के बच्चे और महिलाओं का मानव श्रृंखला के दौरान बेहोश होने की खबर आ रही है। इतना ही नहीं, भागलपुर के पीरपैंती में मानव श्रृंखला में लगे बच्चों के साथ पुलिस ने मारपीट भी की। ऐसे में नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि सरकारी कोष का दुरूपयोग कर बार – बार आखिर साबित क्या करना चाहते हैं।
पप्पू यादव और श्री कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरा चमकाने के प्लान को सफल बनाने को बिहार का पूरा सिस्टम लगा दिया गया। पटना हाई कोर्ट ने बच्चों के मामले में तल्ख़ टिपण्णी भी की, मगर सरकारी अमले को पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा। सासाराम (रोहतास) के डीईओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी) ने सभी प्रधानाध्यापकों को उनके स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चे को अपने माता-पिता के साथ आवश्यक रुप से भाग लेने का फरमान जारी कर दिया। मानव श्रृंखला में भाग न लेने पर छात्रों का नामांकन अवैध करार देने की बात कही और वैसे छात्रों को लाभ से वंचित किए जाने का भी बकायदा पत्र जारी किय। बावजूद इसके उनके उम्मीदों पर पानी फिर गया। उन्होंने कहा कि आज शराब बेचने वाले वाले ही शराब बंदी के समर्थन में मानव श्रृंखला बनाने में लगे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि अगर सच में शराब बंदी के लिए सरकार समर्पित है, तो सबसे पहले राज्य के सभी मंत्री, सांसद, विधायक और अधिकारियों की खून की जांच कराएं।