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चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान,पटना में स्टार्टअप पर आउटरीच प्रोग्राम

नए आइडिया के लिए स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मस्तिष्क आवश्यक: दीपक कुमार सिंह

पटना . उद्योग विभाग द्वारा बिहार की स्टार्टअप नीति के प्रावधानों से चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान पटना के विद्यार्थियों को अवगत कराने के लिए कॉलेज आउटरीच प्रोग्राम का आयोजन संस्थान के सभागार में किया गया जिसमें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, उद्योग विभाग के निदेशक पंकज दीक्षित, विशेष सचिव दिलीप कुमार, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के निदेशक डॉ. राणा सिंह, संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कुमोद कुमार आदि ने भाग लिया। आउटरीच कार्यक्रम में संस्थान के सदस्यों को संबोधित करते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि नए आइडिया के लिए स्वस्थ मस्तिष्क का होना जरूरी है। स्वस्थ मस्तिष्क के लिए स्वस्थ शरीर आवश्यक है। इसलिए अध्ययन के साथ-साथ स्वास्थ्य पर भी बराबर ध्यान देना जरूरी है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी निद्रा, लगातार पानी पीना और बॉडी का सही पोस्चर आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नवाचार की संभावनाएं हर तरफ है। हमें अपने मस्तिष्क को आसपास के वातावरण के प्रति खुला रखना है। समस्याओं की सही परख और उनके समाधान के लिए चिंतन से नए आइडिया उत्पन्न होते हैं। नवाचारों को बाजार की मांग के हिसाब से ढालने से स्टार्टअप को यूनिकॉर्न की ओर ले जाया जा सकता है। उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित ने कहा कि नवाचार के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती है। नया आईडिया कभी भी आ सकता है। नए आइडिया को विकसित करने और उस पर काम करने के लिए बिहार स्टार्टअप फंड से ₹10 लाख तक का कैपिटल सीडफंड उद्योग विभाग द्वारा दिया जा रहा है। इसके अलावा नये स्टार्टअप की हैंड होल्डिंग, कॉमन वर्किंग स्पेस, कॉमन फैसिलिटी जैसी सुविधाएं विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही हैं जिनका लाभ लेते हुए नए उद्यमियों को अपने स्टार्टअप को उड़ान देनी है। पंकज दीक्षित ने कहा कि असफलताओं से घबराना नहीं है। कोई पायलट बनकर उड़ना चाहता है। सफलता नहीं मिलती तो हो सकता है आगे कुछ बढ़िया हो। वही आदमी आगे जाकर विमान बनाने वाली कंपनी का मालिक और सीईओ भी बन सकता है। उन्होंने कहा कि जीवन में शिकायती दृष्टिकोण से अवसाद उत्पन्न होते हैं। इसलिए हम सब को कभी भी शिकायतों के मकड़जाल में नहीं उलझना चाहिए। मौके पर उद्योग विभाग द्वारा नवाचार प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें सौरभ कुमार ने प्रथम, दिव्या आनंद ने दि्वतीय, श्रेया अंबष्ठ ने तृतीय तथा अंजनी कुमार और हर्ष पटेल ने प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त किया।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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