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नागेंद्र के गाने को अब तक मिल चुके हैं 2 करोड़ से ज्यादा व्यूज, लाखों रिल्स भी बने

अपने सुरों से कम समय में भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री में पहचान बनाने वाले सिंगर नागेंद्र उजाला के लिए आज का दिन बेहद खास है, क्योंकि आज उनके एक गाने ने रिकार्ड बना दिया है। गाना ‘एकेगो दिल मंगवेया 1000 बा’ नागेंद्र का वह गाना है, जो यूट्यूब के म्यूजिक सेक्शन में 5 वें नंबर और ग्लोबल म्यूजिक चार्ट में इंडिया में 9वें नंबर पर ट्रेंड कर रहा है। यह गाना आज भोजपुरी म्यूजिक लवर्स के बीच खूब फेमस है। इस गाने को नागेंद्र उजाला ने भोजपुरी के मशहूर सिंगर शिल्पी राज के साथ मिलकर गाया था। श्रोताओं पर दोनों की आवाज का जादू खूब चला और आज एक महीने बाद भी इस गाने को बहुत सुना जा रहा है। यह आज हर किसी के जुबान पर चढ़ गया है।

नागेंद्र उजाला मूलतः बिहार से आते हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण उनका यह गाना ‘एकेगो दिल मंगवेया 1000 बा’ है, जिसे अब तक 3 करोड़ से भी अधिक व्यूज सिर्फ एक महीने में मिले हैं। यह अपने आप में एक रिकार्ड है। इस गाने को अभी जलवा आज भी ऑडियन्स के ऊपर सर चढ़ कर बोल रहा है। इस गाने की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि इस गाने पर अब तक 1 मिलियन से अधिक रिल्स बन चुके हैं। अपने गाने को मिली इस कामयाबी पर नागेंद्र उजाला ने सबों का आभार जताया और कहा कि भोजपुरी के श्रोताओं के प्यार और दुलार से हमारा यह गाना इतना सफल हो रहा है। यह मेरे लिए बेहद खुशी की बात है। मैं चाहूँगा कि सबों का प्यार यूं ही बना रहे।

आपको बता दें कि नागेंद्र उजाला व शिल्पी राज का गाना ‘एकेगो दिल मंगवेया 1000 बा’ न्यू खोरठा वीडियो सिरीज़ से रिलीज हुआ था। इस गाने के म्यूजिक वीडियो में राज भाई और ख़ुशी राज नजर आई हैं, जिनकी केमेस्ट्री भी गाने की तरह लोगों को खूब पसंद आई है। इस गाने के कम्पोजर अर्जुन शर्मा, गीतकार सिधू तिवारी और संगीतकार आर्या शर्मा हैं। हर दिन इस गाने को मिलियन व्यूज मिले हैं, जो अभी भी जारी है। इसलिए इस गाने का डंका खूब बज रहा है। नागेंद्र उजाला ने अभी तक दर्जनों हिट दिए हैं, लेकिन यह गाना जितना तेज़ी से चल रहा है उतना तेज़ी से अभी तक इनका कोई गाना नहीं चला है।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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