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निर्देशक रंजन कुमार सिंह इंदौर में किए गए सम्मानित

पटना से निकलकर मुंबई में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई, कई मशहूर धारावाहिकों का किया निर्देशन

इन्दौर । पटना के रहने वाले रंजन कुमार सिंह ने निर्देशन के क्षेत्र में मुंबई में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। एक के बाद एक कई सुपरहिट सीरियल देने की वजह से उन्हें टीवी टीआरपी किंग के तौर पर जाना जाता है। उनकी लोकप्रियता पूरे देश भर में फैली और अब यही वजह है कि उन्हें देश के अन्य शहरों में भी सम्मानित किया जा रहा है।

इसी क्रम में इंदौर में उनका भव्य स्वागत हुआ। वह उषा नगर स्थित गजासीन शनि धाम पहुंचे थे। उनके साथ उनकी पत्नी भी थी। उन्होंने दर्शन कर पूजन अभिषेक किया। तत्पश्चात महामंडलेश्वर दादू महाराज से आशिर्वाद प्राप्त किया।

धाम के माधव इंदौरी ने बताया कि संध्या 7 बजे अभिनंदन समारोह प्रारंभ हुआ, जिसमें सर्वप्रथम महामंडलेश्वर दादू महाराज संस्थान के शिष्यों भक्तों द्वारा सम्मान किया गया, जिसके पश्चात एक एक कर 51 से अधिक समिति व संस्थाओं ने सम्मान किया।

महाराणा प्रताप, बालिका वधु, सीआईडी, मोहे अगले जन्म बिटिया दीजो, नागिन 1 से नागिन 6 तक,
चंद्रकांता, द ग्रेट मराठा, जय हनुमान, जोधा अकबर, विघ्नहर्ता गणेश, विवाह, आहट, कुमकुम भाग्य व कई अधिक सीरियलों में निदेशक के रूप में कार्य किया है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक गोलू शुक्ला, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो रेणु जैन, सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर रंजीत भिया इंदौरी उपस्थित थे ।

रंजन कुमार सिंह ने कहा कि मेरे पूर्वजों का संबंध मालवा की धरती से है, इसलिए मैं आपका अपना हूं और इतना सम्मान पाकर मैं बहुत अभिभूत हूं । दादू महाराज जी के चरणों में प्रणाम कर कोटि कोटि धन्यवाद करता हूं, जिंदगी में कभी भी इतना सम्मान नहीं मिला जितना आज गजासीन शनि धाम में मिला है।

 

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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