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नीतीश कुमार ने किया जनादेश का अपमान- भाजपा विधायक प्रणव कुमार

लालमोहन महाराज, मुंगेरमुं.गेर भाजपा विधायक प्रणव कुमार ने नीतीश को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि नीतीश के शासन काल में भाजपा के विधायक घुटन महसूस करते थे।अफसरशाही हावी था, जनता का काम नहीं होने पर शर्मिंदगी महसूस होती थी।मुंह छुपा कर भागना पड़ता था।

भाजपा से जदयू के अलग होते ही भाजपा विधायक अब खुलकर नीतीश कुमार के विरोध में बोलने लगे हैं। ताजा बयान मुंगेर के भाजपा विधायक प्रणव कुमार ने दिया है।पटना जाने के क्रम में उन्होंने अपने आवास महुली में बताया कि जनता के जनादेश का अपमान करते हुए नीतीश कुमार ने जनादेश के विरोध में जाकर भ्रष्टाचारियों से हाथ मिलाया है। उन्होंने कहा कि नीतीश के सरकार में हम लोग घुटन महसूस कर रहे थे ।नीतीश का शासनकाल खराब था। अफसरशाही हावी था।जनता का कोई काम नहीं होता था ।मीडिया के सवाल का हम लोग जवाब नहीं दे पाते थे। मीडिया से मुंह छुपा कर भागना पड़ता था। शर्मिंदगी महसूस करते थे।मीडिया के सवाल पर इधर उधर की बातें कर टालमटोल का रवैया अपनाते थे। नीतीश के शासन काल में भाजपा के विधायक शर्मिंदगी महसूस करते थे।

सिद्धांत विहीन राजनीति करते हैं नीतीश कुमार

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार भारत के इतिहास में एक ऐसे नेता हैं, जो सत्ता हासिल करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। नीतीश कुमार सिद्धांत विहीन राजनीति करते हैं ।उनका कोई मोरल नहीं है ।सत्ता के लिए वह किसी के साथ जा सकते हैं ।उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सत्ता के बगैर नहीं रह सकते। भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र की योजना पिछड़े बिहार में सही से लागू हो ,इसके लिए एक अच्छा मुख्यमंत्री चुना था। लेकिन नीतीश कुमार हम लोगों के पीठ में दुबारा छुरा घोपने का काम किए हैं।

कभी पलटू चाचा कहने वाले तेजस्वी कैसे करेंगे इनके साथ काम

उन्होंने जदयू का राजद के साथ जाने पर तंज कसते हुए कहा कि पहले तेजस्वी यादव को भी उसने धोखा दिया था।उस समय तेजस्वी यादव कहते थे पीठ में छुरा घोंपे हैं नीतीश ने। पलटू राम है नीतीश कुमार ।आखिर फिर छुरा घोपने वाले का साथ कैसे हो लिए ?उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जनादेश का अपमान किया है।जनता ने जदयू भाजपा गठबंधन को जनादेश दिया था। लेकिन जदयू ने जनादेश का अपमान कर भ्रष्टाचारियों के साथ हाथ मिलाया है ।इसे जनता बर्दाश्त नहीं करेगी इसके अलावा भी मुंगेर के भाजपा विधायक प्रणव कुमार ने बहुत कुछ कहा ।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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