लिटरेचर लव

पहचान (कविता)

-अक्षय नेमा मेख,

जरूरी है अपनी पहचान
अपनों की
तलाश के लिए,
उस जिन्दगी में
जहाँ सब कुछ छूट जाता है
पहिये सा घूमता समय
निकलता है बिना रुके
लेकर सब कुछ।
जो जीता है
चंद पैसों के लिए,
स्वार्थ के लिए
रह जाता है अकेला
इसी घूमते पहिये में फँसकर
दूर कही अपनों से।
मगर होता है जहाँ प्यार
निस्वार्थ भाव से
बनी रहती है पहचान
अपनों में
अपनी ही तलाश के लिए।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button