महान कवि की कविता

1
20

ऊंची इमारत की ऊपरी मंजिल पर

लिखी जाने वाली कविताओं में

अब हिन्दुस्तान का बोध नहीं होता

शब्द गमगीन की जगह

सौंदर्य से भरे होते हैं

वातावरण खुशनुमा होता है

कवि की बगल में चार-चार युवतियां खड़ी रहती हैं

कवि को पसंद है युवतियों को निहारना

बातें करना, जिस्मों को सहलाना

आजकल महान कविताएं

इसी प्रक्रिया से निकलती हैं

अब उसे अच्छा नहीं लगता

किसी गरीब की झोपड़ी

भूखे पेट इंसान की तस्वीर

अनाथ बच्चे और उनकी चिल्लाहट

उसे पसंद नहीं धरती की नीचता

दलदल पर बना व्यक्तित्व

इन चीजों में अब ऊंचाई नहीं रही

ऊंचाई तो महलों में है

जहां लिखी जाने वाली कविताओं को

सरकार चयन करती है

पुरस्कार देने के लिए।

(काव्य संग्रह संगीन के साये में लोकतंत्र से)

1 COMMENT

  1. Resources this kind of as the 1 you mentioned here will be incredibly useful to myself! I’ll publish a hyperlink to this web page on my private weblog. I’m sure my site website visitors will locate that very helpful.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here