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बिहार की तरक्की के लिए यह निर्णय लिया हूं : नीतीश

तेवरआनलाईन, पटना. नीतीश कुमार ने आज बिहार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। मुख्यमंत्री को पद एवं गोपनीयता की शपथ राजभवन के राजेन्द्र मण्डप में राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने दिलायी। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी को भी राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने राज्य के मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।

शपथग्रहण समारोह के पश्चात पत्रकारों से बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने कहा कि हमने कल भी कहा था कि जो बिहार के हित में होगा, बिहार के लोगों के हित में होगा वही निर्णय लेंगे और बिहार के विकास के लिये, बिहार के लोगों के हित में न्याय के साथ विकास के लिये, बिहार की तरक्की के लिये हमसब लोगों ने मिलकर यह निर्णय लिया है। बिहार के लोगों को मैं आश्वस्त करूंगा कि मेरी प्रतिबद्धता बिहार के लोगों के प्रति है। अबतक बिहार के लोगों ने जो अवसर दिया है, अपनी क्षमता के अनुरूप हमने सेवा करने की कोशिश की है। आगे भी उसी राह पर चलकर लोगों की सेवा और उनकी खिदमत करते रहेंगे।

शपथ ग्रहण समारोह में अध्यक्ष बिहार विधानसभा विजय कुमार चैधरी, केन्द्रीय मंत्री  जीपी नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, नंदकिशोर यादव, विजेन्द्र प्रसाद यादव,  श्रवण कुमार, अवधेष नारायण सिंह,  प्रेम कुमार,  मंगल पाण्डेय, नित्यानंद राय,  राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह,  आरसीपी सिंह, सहित एनडीए के सभी विधायक, विधान पार्षद, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, पूर्व विधान पार्षद सहित अनेक गणमान्य राजनीतिक एवं सामाजिक हस्तियां, उच्चस्थ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी, न्यायविद्, शिक्षाविद् उपस्थित थे।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने 1, अण्णे मार्ग में जदयू के विधायकगण, विधान पार्षदगण एवं कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। हजारों की संख्या में उत्साही प्रशंसकों, शुभचिन्तकों ने मुख्यमंत्री को बधाई दी, उन्हें फूल, माला और फूलों का गुलदस्ता भेंट किया। मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से सभी से मुलाकात की, उन्हें दिये गये विश्वास एवं स्नेह के लिये धन्यवाद दिया।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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