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बिहार में मंदिरों से कर वसूलने वाला कानून स्वीकृत नहीं होने देंगे: राकेश मिश्र

मंदिरों का अधिग्रहण: सरकारी लूट का तंत्र’ विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद 

बिहार में सरकार को मंदिरों की भूमि दिखाई देती है; परंतु चर्च और मस्जिदों की भूमि दिखाई नहीं देती। बिहार में एक भी पुजारी को शासकीय वेतन नहीं दिया जाता, परंतु मौलवियों को 10 हजार रुपयों का वेतन कैसे दिया जाता है? यह संविधान की समानता के विरोध में है। मंदिरों से 4 प्रतिशत कर वसूलने के निर्णय का हम विरोध करेंगे। इसके लिए हम माननीय राज्यपाल महोदय से निवेदन करेंगे। किसी भी परिस्थिति में हम यह कानून बनने नहीं देंगे। ये बातें  भारतीय जनक्रांति दल के राष्ट्रीय महासचिव अधिवक्ता राकेश दत्त मिश्र ने कही। वे हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘मंदिरों का अधिग्रहण: सरकारी लूट का तंत्र’ विषय पर आयोजित ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में बोल रहे थे ।

सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता उमेश शर्मा ने कहा कि मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर दर्शन टिकटों के काला बाजारी के प्रकरण में साइबर सेल से शिकायत करनी चाहिए तथा न्यायालय से न्याय मांगना चाहिए। बिहार में केवल मंदिरों से 4 प्रतिशत कर वसूलना और अन्य पंथियों को छूट देना, यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 का उल्लंघन है। मंदिर व्यवस्थापन धर्मनिरपेक्ष सरकार का कार्य नहीं है ।

सिद्धिविनायक मंदिर के दर्शन स्लॉट

में कालाबाजारी: डॉ. अमित थडानी, मुंबई

कोरोना काल से मुंबई के प्रसिद्ध श्री सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन के लिए ‘ऑनलाइन एप’ पर बुकिंग करना अनिवार्य किया गया है। इसलिए भक्तों को सीधे दर्शन प्राप्त नहीं होते। भक्त बुकिंग के लिए ऑनलाइन एप पर जाते है, तब पहले ही दर्शन की सर्व प्रवेशिकाएं (स्लॉट) बुक होती है क्योंकि मंदिर परिसर के सभी दुकानदारों ने अनेक बनावटी खाते बनाकर प्रवेशिकाएं बुक की होती है, जिससे भक्तों को स्लॉट नहीं मिलता। स्थानीय दुकानदार ‘हम आपको दर्शन के लिए प्रवेशिका देते हैं, ऐसा बताकर सिनेमा के टिकटों के समान कालाबाजारी कर प्रत्येक भक्त से 200 से 300 रुपए की लूट की जा रही है । इसमें केवल दुकानदर ही नहीं, अपितु मंडल के कुछ लोग भी सहभागी है । वे दो व्यक्तियों के लिए 1,500 रुपयों की मांग कर रहे हैं । पुलिस ने छापा मारकर कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई की हो, तो भी यह संख्या अल्प है। बचे हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए । इसलिए सभी भक्तों को शिकायत करने के लिए आगे आना चाहिए, ऐसा आह्वान यह घोटाला सामने लानेवाले मुंबई के डॉ. अमित थडानी ने किया ।

पूरे देश में सरकारीकरण हुए विविध मंदिरों के भ्रष्टाचार की जानकारी देते हुए सनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक ने कहा कि स्वतंत्रता के उपरांत देश पर हुआ सबसे बड़ा अन्याय अर्थात विविध राज्य सरकारों द्वारा की गई हिन्दू मंदिरों की लूट है। भ्रष्टाचार करनेवाले शासकीय न्यासियों को कारागृह में होना चाहिए। इसके लिए हिन्दुओं को डॉ. थडानी के समान संघर्ष करना होगा। उत्तराखंड में जैसे पुजारी और हिन्दुत्ववादी संगठनों द्वारा एकत्रित संघर्ष करने से वहां के मंदिरों का सरकारीकरण निरस्त हुआ, वैसा ही पूरे देश के हिन्दू संगठित होने पर भी हो सकता है ।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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