सोहैल हिंगोरा अपहरण कांड
विनायक विजेता, वरिष्ठ पत्रकार।
शक और पुलिसिया जांच के राडार में तीन राजनेता
एक मंत्री, एक पार्षद व एक पूर्व विधायक पर संदेह
तीनों में है दांत काटी दोस्ती, दो जदयू एवं एक लोजपा के
इनमे एक राजनेता का बाडीगार्ड भी अपहर्ता के गाँव का
सीआईडी के अधिकारी को मिली रंजीत की शादी की सीडी
दमन से अगवा गुजरात के चर्चित उद्योगपति हनीफ हिंगोरा के पुत्र सोहैल हिंगोरा के अपहरण मामले में नया मोड़ आ सकता है और जल्द ही नेता-अपराधी गठजोड़ का खुलासा हो सकता है। सोहैल के पिता हनीफ हिंगोरा द्वारा इस मामले में अपहर्ता-नेता गठजोड़ का खुलासा करने के लिए मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र और इस मामले में सरकार की हो रही किरकिरी के बाद नीतीश कुमार ने गुरुवार को इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार सीआईडी के एडीजी एके उपाध्याय जो इस मामले में सीआईडी जांच की मॉनेटरिंग कर रहें हैं उनको रंजीत की शादी की सीडी उपलब्ध करा दी गई है जिसकी सीआईडी में कार्यरत विशेषज्ञ छानबीन कर रहें हैं। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार इस मामले में राज्य सरकार के एक मंत्री सहित तीन राजनेता पुलिसिया शक और जांच के दायरे में हैं। हाल ही में एक प्राथमिकी के कारण चर्चा में आए एक मंत्री, जदयू के एक विधान पार्षद और लोजपा के एक पूर्व और बाहुबली माने जाने वाले विधायक शक के दायरे में हैं। यह वही बाहुबली हैं जिन्होंने वर्ष 2000 में सात दिनों के लिए बनी नीतीश कुमार की सरकार को निर्दलीय विधायक मोर्चा के सदस्य के रुप में समर्थन दिया था। सूत्र बताते हैं कि इन राजनेताओं में एक की रिश्तेदारी उसी गांव या उसके आसपास है जहां सोहैल हिंगोरा को बंधक बना कर रखा गया था जबकि इनमें एक राजनेता का बाडीगार्ड भी अपहर्ता के गाँव का बताया जाता है जहां सोहैल हिंगोरा को बंधक बना कर रखा गया था .इस सरकारी बोडीगार्ड को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा सकता है. कि इन तीनों राजनेताओं में दांतकाटी दोस्ती भी है। उच्चपदस्थ एक पुलिस अधिकारी ने ‘आफ कोड’ यह स्वीकार किया कि इस मामले में अपहर्ताओं को राजनीतिक संरक्षण मिलने की बात आई है पर यह संरक्षण किन लोगों ने और किन कारणों से दिया इसका खुलासा जांच के बाद ही होगा। बिहार पुलिस ने इस मामले में दमन पुलिस से भी सहयोग मांगते हुए गिरफ्तार रंजीत के मोबाइल पर आने-आने वाले कॉल के डिटेल्स मांगे हैं। इस पूरे मामले की जांच मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार पुलिस के आलाधिकरी अगर पारदर्शिता बरतते हैं तो संभव है निकट भविष्य में ही कुछ विस्फोटक खुलासा हो जाए। इधर इस मामले में संदेह में आए एक कुख्यात अपहर्ता अजय सिंह की रिश्तेदारी भी पटना में होने की चर्चा है। चर्चा है कि अजय सिंह का एक भाई भू-संपदा विभाग में अधिकारी हैं।