अब सुप्रीम कोर्ट की शरण लेंगे लालू प्रसाद
* याचिका खारिज होने के बाद बढ़ी बेचैनी
* कैसे भूनाया जाए मामला इसपर जद-यू में मंथन जारी
पशुपालन घोटाले में आरोपित राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा रांची के सीबीआई कोर्ट के जज पी के सिंह को बदले जाने की रांची हाइकोर्ट में दायर याचिका सोमवार को खारिज हो जाने के बाद अब लालू प्रसाद व राजद खेमे में बेचैनी बढा दी है। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लालू प्रसाद इसी सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में रांची हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दे सकते हैं। लालू प्रसाद की ओर से सुप्रसिद्ध वकील और पूर्व भाजपा नेता राम जेठमलानी ने बहस करते हुए यह दलील दी थी की मामले की सुनवाई करने वाले सीबीआई जज पी के सिंह बिहार के शिक्षा मंत्री पी के शाही के रिश्तेदार हैं जो महाराजगंज उपचुनाव में राजद प्रत्याशी प्रभुनाथ सिंह से चुनाव हार गए और शाही राजनीतिक बदले की भावना से अपने रिश्तेदार जज से इस मामले के फसले को प्रभावित कर सकते हैं। गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद सीबीआई न्यायालय ने आगामी 15 जुलाई को फैसला देने का निर्णय लिया है। इधर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जदयू इस ममाले को कैसे भूनाए इसपर मंथन का दौर चल रहा है। चूंकि जदयू से जुडे एक अन्य सांसद और एक पूर्व मुख्यमंत्री जिनके बेटे नीतीश सरकार में मंत्री हैं सहित कई 45 अन्य आरोपित लोगों पर भी इसी दिन सजा के बिन्दु पर फैसला आना है, जिनपर लालू प्रसाद से ज्यादा आरोप हैं। सूत्र बताते हैं कि अगर जदयू से जुडे नेता इस मामले में आरोपित नहीं होते तो अबतक जद-यू इसे लालू के खिलाफ एक बडा मुद्दा बनाती पर ‘चलनियां दूसे सुपवा के जेकरा नीचे अपने बहत्तर गो छेद’ वाला मुहावरा जद-यू के आड़े आ रहा है। अब देखना है कि आगे-आगे होता है क्या ?