नारी नमस्ते

करें मतदान, उंगली पर पाएं पवित्र निशान: नीतू नवगीत

सोनपुर। बिहार विधानसभा के लिए 3 चरणों में होने वाले चुनाव का दूसरा चरण 3 नवंबर को है। पटना, वैशाली, सारण सहित अनेक जिलों की 94 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा । प्रसिद्ध लोक गायिका तथा निर्वाचन आयोग के मतदाता जागरूकता कार्यक्रम स्वीप की ब्रांड एंबेसडर डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने वर्चुअल कार्यक्रम में मतदाताओं से अपील की कि अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें । उन्होंने कहा कि हर वोट मूल्यवान होता है । अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति सजग होकर हमें देश तथा राज्य की मजबूती के लिए जरूर से जरूर मतदान करना है । कार्यक्रम में उन्होंने अनेक लोक गीतों की प्रस्तुति करके मतदाताओं को उनके वोट की महत्ता को समझाया । उन्होंने मतदान करें मतदान करें सब मिलकर मतदान करें कर्तव्य जरूरी हम सबका जरूर से जरूर मतदान करें सहित गणेश गीत गाए। नीतू नवगीत ने कहा कि लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में चुनाव का सबसे विशेष महत्व है। चुनावी प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी मतदाताओं की होती है। वोटरों को मतदान के लिए प्रेरित करने हेतु निर्वाचन आयोग द्वारा स्वीप कार्यक्रम चलाया जाता है। इसी कार्यक्रम के तहत बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत मतदाता जागरूकता अभियान गीतों के माध्यम से सभी उम्र के मतदाताओं को मतदान की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उनका ज्यादा फोकस युवाओं और महिलाओं पर है। नीतू नवगीत कहती हैं- सामाजिक जागरूकता के मामले में लोकगीतों के माध्यम से अच्छा संवाद कायम किया जा सकता है। लोक भाषा में रचे गए लोकगीत मतदाताओं के मन में चुनावी प्रक्रिया को लेकर सकारात्मक सोच पैदा करते हैं ।’ बिहार विधानसभा के आसन्न चुनाव के परिप्रेक्ष्य में नीतू नवगीत ने चार जागरूकता गीत सोशल मीडिया पर रिलीज किए हैं। इन गीतों में लोकतंत्र का महापर्व है मिलकर सभी मनाते हैं देश की खातिर चलिए चलिए हम सब वोट गिराते हैं, मिली जुली करा मतदनमा हो रामा, जिसे चाहे उसी को चुनिए वोट देना कभी ना भूलिए, वोट देना तो सबका ही अधिकार है वोट ही तो लोकतंत्र का आधार है जैसे गीत शामिल है ।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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