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कर्तव्यों का पूरी निष्ठा के साथ पालन करने का संकल्प लें: एस डी एम

लालमोहन महाराज ,मुंगेर

संविधान को देश में लागू हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं। 75 साल में गंभीर आर्थिक संकट से चांद पर, चंद्रयान-3 की लैंडिंग तक पहुंचने में हमारे देश ने कई कीर्तिमान गढ़े हैं और बहुत सारी चीजें अब भी होनी बांकी हैं। यह बातें मुंगेर के अनुमंडल पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने पत्रकारों को कही.

उन्होंने कहा कि हमारे देश के लिए 26 जनवरी का दिन इतिहास में एक गौरवशाली और स्वर्ण अक्षरों में अंकित दिन है। भारतवासी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने के लिए अपने अपने प्रांतों व विभिन्न जगहों में इकट्ठे होते हैं। यह दिन हमें हमारे संविधान की याद दिलाता है, जो कि 26 जनवरी साल 1950 में लागू किया गया था.

हमें गणतंत्र दिवस को सिर्फ तिरंगा फहरा देने और परेड देखने के दिन के रूप में ही नहीं देखना चाहिए, बल्कि यह उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करने के अवसर के रूप में सामने आया है जिन्होंने अपना बलिदान देकर हमें स्वतंत्रता दिलाई ताकि हम अपना गणराज्य और अपना लोकतंत्र स्थापित कर सकें। 26 जनवरी का दिन हमारे संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनके जैसे हजारों सपूतों का योगदान अविस्मरणीय है।

विविधता में एकता की मिसाल वाले भारत देश का संविधान इस बात को सुनिश्चित करता है कि हर नागरिक को एक समान अधिकार मिले, चाहे उसका धर्म, जाति, भाषा, या क्षेत्र कुछ भी रहा हो। लोकतंत्र के इस उत्सव की भावना हर व्यक्ति की आवाज सुनना है और उसके अधिकारों की रक्षा करना भी।

यह दिन हमें हमारे कर्तव्यों के प्रति भी सजग करके इसकी याद दिलाता है। हमारा लक्ष्य केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज और देश के लिए भी योगदान देना चाहिए। एक विकसित और सशक्त भारत के लिए हमें ईमानदारी, शिक्षा और परिश्रम को अपनी प्राथमिकता बनाना होगा.

गणतंत्र दिवस के दिन हम लोगों को संकल्प लेना चाहिए कि हम देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा के साथ पालन करेंगे। देश की अखंडता और एकता को बनाए रखने की दिशा में काम करेंगे। अपने साथ दूसरे के अधिकारों का भी ध्यान रखेंगे।

एसडीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने मुंगेर वासियों , प्रखंड वासियों पदाधिकारियों व आम जनता को गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 26 जनवरी के दिन हमें डॉ सुभाष चंद्र बोस, देश रत्न बाबा साहब बी.आर. अंबेडकर और महात्मा गांधी जैसे हमारे कई महान नेताओं की दूरदर्शिता और बलिदान की याद करना चाहिए। हम 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं, जो 26 जनवरी, 1950 को हमारे संविधान को अपनाने का प्रतीक है। यह दिन बहुत खास हो जाता है क्योंकि इसी दिन हमने अंग्रेजों के नियम-कायदों से हटकर अपना अलग संविधान तैयार करके उसे लागू किया।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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