कर्मचारी संगठन रेल प्रशासन के अभिन्न अंग हैं : के.के. श्रीवास्तव

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तेवरआनलाईन, हाजीपुर

पूर्व मध्य रेल मुख्यालय में महाप्रंबधक के.के. श्रीवास्तव और पूर्व मध्य रेल कर्मचारी यूनियन के सदस्यों के बीच स्थाई वार्ता तंत्र की नवीं बैठक का आयोजन हाजीपुर में किया गया । बैठक में यूनियन के सदस्यों एवं रेलवे अधिकारियों को संबोधित करते हुए महाप्रबंधक  के.के. श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व मध्य रेल कर्मचारी यूनियन की सकारात्मक सोच से वे काफी प्रभावित हैं । यूनियन द्वारा जो मुद्दे उठाए जा रहे हैं, वह प्रशासन के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी संगठन रेल प्रशासन के अभिन्न अंग हैं । उनकी मदद से ही सौहार्दपूर्ण माहौल स्थापित होगा और कार्य संस्कृति में लगातार सुधार आएगा ।

बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व मध्य रेल के मुख्य कार्मिक अधिकारी जेएसपी सिंह ने कहा कि रेल प्रशासन कर्मचारी कल्याण एवं कर्मचारियों के हित रक्षा के लिए संकल्पित रहा है और इसमें कर्मचारी संगठनों का भी पूरा-पूरा सहयोग मिलता रहा है, जो काफी प्रशंसनीय है । उन्होंने कहा कि हमारे औद्योगिक संबंध मधुर और सौहार्दपूर्ण रहे हैं । मुख्य कार्मिक अधिकारी  जे.एस.पी. सिंह ने कहा कि औद्योगिक संबंध हेतु भारतीय रेल में स्थाई वार्ता तंत्र की बैठकों का अपना अलग ही महत्व है और यह अपने आप में अनूठा है ।

बैठक में उपस्थित पूर्व मध्य रेल कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष  के.पी. सिंह एवं महासचिव श्री एम.एन. वाजपेयी ने महाप्रबंधक महोदय द्वारा रेलकर्मियों के हितों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने के कारण उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की और आश्वासन दिया कि प्रशासन द्वारा उठाये जाने वाले हर कदम पर कर्मचारी यूनियन उनके साथ रहेगा । उन्होंने कर्मचारियों की कुछ समस्याओं खासकर लाईन में काम करने वाले कर्मचारियों से संबंधित समस्याओं से अवगत कराते हुए इसमें सुधार किये जाने का अनुरोध किया ।

बैठक में अपर महाप्रबंधक सह मुख्य विद्युत इंजीनियर आर.के. सिंह, प्रमुख मुख्य इंजीनियर मनोज कुमार, वरिष्ठ उप महाप्रबंधक बी.पी. गुप्ता, मुख्य यात्री परिवहन प्रबंधक एस.के. शर्मा मुख्य यांत्रिक इंजीनियर के.पी. राव, मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (पी.एस.) एस.के. नायक, मुख्य स्वास्थ्य निदेशक डा. ए. प्रसाद, मुख्य संरक्षा अधिकारी श्री अरविन्द कुमार वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी  बी. राय सहित पूर्व मध्य रेल मुख्यालय के अन्य उच्चाधिकारीगण उपस्थित थे ।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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