तिरंगा लहराने के कारण अजय पटेल व विमल जोशी की जूतों से पिटाई
न्यूजर्सी में नस्लीय नफरत के शिकार हुये थे डाक्टर दिवयेंन्दू सिन्हा
तेवर आनलाइन, न्यूजर्सी
स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का नारा 1789 की फ्रांसीसी क्रांति में गूंजा था, लेकिन फ्रांसवासियों को इसकी प्रेरणा अमेरिका से मिली थी। अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले फ्रांसीसी सैनिक जब वापस अपने देश लौटे तो उनके दिल और दिमाग इन नारों में डूबे हुये थे। पूरी दुनिया में व्यक्ति की गरिमा को व्यवहारिकतौर पर स्थापित करने वाला देश अमेरिका में भारतीयों के खिलाफ नस्लीय हिंसा में लगातार वृद्धि हो रही है।
वर्ष 2006 के बाद 25 जून 2010 को न्यूजर्सी के ओल्ड ब्रिज में नस्लीय हिंसा का शिकार होकर अपनी जान गंवाने वाले डाक्टर दिवयेन्दू सिन्हा चौथे भारतीय हैं। इसके पहले डाक्टर गीता अंगारे को अति सुरक्षित क्षेत्र माने जाने वाले एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में नस्लीय भावना से प्रेरित होकर एक सोची समझी रणनीति के तहत हलाक कर दिया गया था। दो भारतीय अमरिंदर चीमा और करण भंडारी की मौत भी सार्जेंट अलेक्स गिल्नस्की की नस्लीय नफरत के कारण ही हुई थी। दुर्घटना के बाद कार में तड़प रहे चीमा और भंडारी को देखते हुये मौके पर मौजूद अधिकारी गिल्नस्की ने पैट्रौलमैन जोसेफ कैनी से कहा था, “कार में पड़े हुये ये गंदे भारतीय हैं। मैं उन्हें बचाने के लिए इसके अंदर नहीं जाऊंगा।” ला इन्फोर्समेंट अफसर का यह बयान बताता है कि वे भारतीयों के खिलाफ नस्लीय हिंसा की भावना में किस कदर जल रहे थे। संभवत: उन्हें बचाया जा सकता था, लेकिन मौके पर मौजूद एक अफसर ने इस आधार पर कार के अंदर दाखिल होने से इन्कार कर दिया कि उसमें दो भारतीय पड़े तड़प रहे हैं, और भारतीय फकिंग डर्टी होते हैं।
पिछले महीने इसी नस्लीय हिंसा का शिकार हुये हैं डाक्टर दिवयेंदू सिन्हा। उनके शहर के ही कुछ लड़कों ने उनकी पत्नी और दो बच्चों के सामने उनकी निर्मता से पीटाई की। बाद में अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया। इन सभी घटनाओं को प्रशासन सामान्य घटनाएं मान रही हैं, और भारतीय सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक संगठन जैसे यूएसआईएनपीएसी भी उन्हीं का साथ दे रहे हैं।
अमेरिका में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले भारतीय मूल के देव मक्कड़ कहते हैं, “प्रत्येक हत्या के पीछे कोई न कोई मोटिव होता है, जैसे संपति, रुपया, महिला या पड़ोसी के साथ विवाद। डाक्टर सिन्हा की हत्या के पीछे कोई भी मोटिव नहीं दिखता है, सिवाय नस्लीय नफरत के। डाक्टर सिन्हा को मौत के घाट उतारने वाले लड़के पेशेवर अपराधी नहीं थे। वे कहीं बाहर के भी नहीं थे, बल्कि उसी शहर के थे, जिसमें डाक्टर सिन्हा रहते थे। जिस तरह से डाक्टर सिन्हा की निर्मम हत्या को प्रशासन वहां के तथाकथित भारतीय नेताओं की मदद से दबाने में लगी है वह डाक्टर सिन्हा, उनकी पत्नी और उनके परिवार और अमेरिका में रह रहे तमाम भारतीय परिवार का अपमान है। डाक्टर सिन्हा की हत्या नस्लीय नफरत की भावना से प्रेरित होकर की गई है।”
देव मक्कड़ ने न्यूजर्सी के गर्वनर और क्रीस क्रिस्टी और अटार्नी जनरल पौला डोव को पत्र लिखकर कहा है कि डाक्टर सिन्हा की हत्या से न्यूजर्सी में रह रहे हैं भारतीय मूल के लोग हतप्रभ और भयभीत हैं। डाक्टर सिन्हा की निर्मम हत्या की जांच अटार्नी जनरल के कार्यालय के भेदभाव यूनिट द्वारा करवाई जाये ताकि पूरे मामले पर से पर्दा उठ सके। इसके साथ ही ओल्ड ब्रिज के पुलिस अधिकारियों की भी जांच की जाये जो इस मामले से जुड़े हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि वहां के पुलिस अधिकारी नस्लीय भावना से प्रेरित लड़कों की हरकतों से अनभिज्ञ रहे हों। डाक्टर सिन्हा को सुरक्षा मुहैया कराने में उनसे चूक हुई है। अत: ओल्ड ब्रिज के पुलिस अधिकारी को भी बर्खास्त किया जाये।
वहां के स्थानीय पुलिस द्वारा भी भारतीयों के खिलाफ लगातार नस्लीय भेदभाव किया जा रहा है, और भारतीय मूल के नेता इसकी न सिर्फ अनदेखी कर रहे हैं बल्कि उल्टे वहां के पुलिस का ही पक्ष ले रहे हैं। पुलिस अधिकारी पेट्रोलमैन माइकल डोट्रो ने तथाकथित भारतीय मूल के नेताओं के सामने ही बिना अनुमति लिये तिरंगा फहराने के कारण अजय पटेल और विमल जोशी की अपने जूतों से जमकर धुनाई कर दी थी। बाद में किरण देसाई की सलाह पर जुर्माना देने के बाद उन्हें छोड़ दिया। इसी तरह
नस्लीय आग में जल रहे माइकल डोट्रो ने 30-40 भारतीयों के सामने लीकर स्टोर क्लर्क रजनीकांत पारिख की निर्ममता से पीटाई की थी। काउंटी प्रोसक्यूटर ब्रूस कापलान ने यह कहते हुये गवाहों के सुनने से इन्कार कर दिया था कि सभी लोग एक ही बात कह रहे हैं। बाद में रजनीकांत पारिख पर अमेरिकी कानून और मानवाधिकार का उल्लंघन करने का आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया। स्टेट और आईसीई ने रजनीकांत पारिख को आठ महीने जेल में रखने के लिए 100,000,00 डालर खर्च दिये।
अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा बराक के सत्ता में आने के बाद पूरी दुनिया में यह संदेश गया था कि अब अमेरिका में पूर्ण रूप से नस्लीय भेदभाव के युग की समाप्ति हो गई है, लेकिन जिस तरह से वहां रहने वाले भारतीयों को निशाना बनाया जा रहा है उसे देखते हुये कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में इस तरह के और हमलों की पूरी संभावना है।
Hon. Gov. Chris Christie:
It is very shocking and disturbing to see your response devoid of all human feelings to the brutal murder of Dr Sinha in a racial attack and concerns of Indian American community.
http://www.flickr.com/photos/37407895@N02/4816165464/
1. You are not mentioning that you are disturbed or sorry or shocked about Dr Sinha’s brutal murder or extending condolences to the family. Neither we have noticed any curtsey call to the family by you or your staff or seen any press release from your office mentioning few words of condolences to the family.
2. Rather than ordering State investigation you are passing the buck Oh! I have asked my Dept of Law and Public Safety Attorney General Paula Dow to review the information sent to me and reply to you directly.
3. Further you are writing, “If you wish to contact AG Dow’s office, you may write to the Department of Law and Public Safety at PO Box 80 , Trenton , NJ 08625 or call 609 292 8740.” A call was made at this # and the undersigned was told to call Division of Criminal Justice at 609 292 8740. There Mr. Rich advised to mail the complaint again to them (no e-mail or fax at) at Division of Criminal Justice, PO Box 85 , Trenton , NJ 08625 . Where as you are writing I have sent the information to AG Dow! A complaint was mailed to Div. of Criminal Justice at both the above mentioned addresses on July 20, 2010 .
4. Despite Media Reports of Racial Discrimination to American Indians; in no way you or your administration have tried to send a message or assurance to the Indian American community that your administration is committed to their safety and equal rights; no one will be spared doing racial discrimination to the community members.
5. If not suspension at least your administration could have ordered Old Bridge Police Chief be sent on Departmental Leave till Sinha Murder investigations are completed. If found guilty of negligence in his duties he will be suspended.
6. Above all it looks like your staff doesn’t think Dr Sinha’s racial murder or reports of racial discrimination to Indian Americans are serious issues. That is the reason they have not bothered to read or understand the contents of the letter sent to you on 7-06-10 . If they had read it properly they would not have misspelled the last name of the undersigned wrong on the letter as well as Envelop. It is Makkar not Malakar. Neither you would have shown total apathy to the brutal murder of Dr Sinha and to the renewed security fear of Indian American community of USA particularly in New Jersey .
It looks like there is no change in the official policy of the New Jersey Government since the times of Gov. McGreevy; if there is even a graffiti on the grave yard of Jewish community Governor and all the higher officials are making tours and assuring the community of safety, 50% of this concern is shown to African American community for much bigger calamity, 25% of this concern is shown to Hispanic community and no concern at all is shown to the Indian community. The proof is brutal murder of Dr. Geetha Angare under racial bias, deporting 1 Indian at a cost of more than $100,000.00 just to save a knuckle head white cop accused of police brutality under racial bias, worst ever called racial epithets in over 200 years US history under a Police Union, Indians are cockroaches, animals, illiterates and illegal go home, death of 2 Indians both 24 due to the racial apathy of Sgt. Gilinsky and now brutal murder of Dr Sinha under racial bias.
Sir, do you have any intentions to deviate from the official policy of New Jersey of total neglect to Indian Americans which in fact is in violation of US constitution? If so then please announce, “All investigations into Dr Divyendu Sinha’s murder will be handled by Bias Crime Unit of Attorney General’s office, Police Chief of Old Bridge must go on Departmental Leave and 104 Police Officers of Old Bridge will be investigated for ignoring the complaints of racial discrimination to Indian Americans.
Please note any investigations by Old Bridge Police under a incompetent and known Indian Hater Middlesex County Prosecutor Bruce Kaplan is an insult to the victims; Late Dr Sinha, his 2 children age 12 & 16, wife & entire community of Indian origin living in New Jersey and America. Mr. Kaplan is the same person who in a matter of Police Brutality under racial bias to an Indian refused to accept the statement 30-40 Indian Americans by saying they are not credible witnesses. Then he took no action against Edison Police Union who is responsible for calling “Indians are cockroaches, animals, illiterates and illegal go home.” These are the worst ever called racial slurs in over 200 years history of America for any minority. Then he took no action against Sgt. Gilinsky for showing racial apathy to 2 Indian victims of accident who could have been saved.
Sincerely,
Devendra ‘Dave’ Makkar
shame !!! shame!!!!
मैं किसी भी प्रकार से आश्चर्य चकित नहीं हूँ .चौथाई सदी से ज्यादा वक्त मैंने न्यू योर्क प्रशासन में बिताये और ऊपर वर्णित मिडलसेक्स काउंटी ,न्यू जर्सी का निवासी भी रहा .
सच कहा है मक्कड़ जी ने .
और यथाकथित ‘ भारतीय मूल के तथाकथित नेता ‘ अपने छुद्र स्वार्थों की पूर्ति के लिए प्रशासन की चमचागिरी करने और इन नस्लवादी ताकतों का भारतीय चेहरा और बल बन इनके साथ फोटो खिंचाने और उसका फायदा उठाने में ही लिप्त रहते हैं और उनके चुनाओं में ‘ फंड रेसिंग ‘ कीमती डिनर का आयोजन भी करते रहते हैं .चंदे भी देते हैं .
व्यक्तिगत रूप से मैंने भी प्रशासन से मक्कड़ जी की तरह लोहा लिया है और कोर्ट में खींच कई बार माफी भी मंगवाई है और नस्लवाद के लिए तगड़ा जुरमाना भी वसूला है . पर इन ‘ भारतीय ‘ नेताओं से न सिर्फ कोई मदद ही नहीं मिली उलटे हतोत्साहित भी किया गया हूँ.आज भी मेरे द्वारा दायर कुछ मुक़दमे लंबित हैं और मैंने कितने ही अन्य नस्लवाद पीड़ित भारतीयों की मदद भी की है .
परिणाम स्वरुप न्यू योर्क नगर प्रशासन अब जल्दी ऐसी किसी हरकत की जुर्रत भी नहीं करता लेकिन इसके लिए मुझे कीमत भी चुकानी पडी है . झूठे और गढ़े गए मामले बना मुझे प्रशासकीय सेवा से निकाला गया है और वह मामला भी लड़ रहा हूँ . हमेशा की तरह उम्मीद है फिर जीतूंगा भी .
मक्कड़ जी को एक अनुभवी सलाह देना चाहूँगा की न्यू जर्सी अटार्नी जनरल के आफिस में समय बर्बाद न कर मेरी तरह फेडरल अटार्नी जनरल के यहाँ मामला दर्ज करें और न्यू जर्सी प्रशासन को पक्ष बना कटघरे में खड़ा करें .अमेरिकी मानवाधिकार संघटनों के पास भी जाएँ और आम भारतीयों को साथ लें और इन स्वार्थी ‘ भारतीय नेताओं ‘ को बेनकाब भी करें .
अगस्त के तीसरे हफ्ते में मैं न्यू जर्सी में रहूँगा और मक्कड़ जी से मिल लडाई का हिस्सा भी बनूँगा .
भारतीय मीडिया से गुजारिस है कि ऐसे वाक्यात को खूब मन से कवर करें और भारत को भी अमेरिका का असली चेहरा भी बताएं . कम से कम आज के अमेरिकी चमचे भारत के भारतीय नेताओं को भी सबक सिखाया जाये और देश बचाया जाये .
Dear Raj Singh ji, thanks for your support and advice. Please do meet us in NJ it will be our pleasure. It is very unfortunate as usual the so called leaders are siding with administration no one is demanding State investigation leave aside Federal investigation.
Sinha Racial Murder & Discrimination to Indians, Jai Chands & Madhav Roas helping Middlesex Democrats in a Cover Up.
http://www.flickr.com/photos/37407895@N02/4841255357/
It is also very disturbing that Sikh, Christian & Muslim organizations of Indian origin they have yet to express their sorrow and concerns over the tragic murder of Dr Sinha despite some of them being informed by mail, telephone calls and in person. They have no excuse that we never saw media reports on the brutal murder of Dr Sinha under a hate crime.
It looks like administration created Old Bridge Leader Suresh U Kumar a Christian wants to represent those who have yet to react. He wants to capitalize on the brutal murder of Dr Sinha who happens to be a life member of VHP to get a Seat on some Dog Committee of Old Bridge Twp. like Kiran Desai.
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