प्रखंडों में क्लर्की के लिए मारामारी कर रहे हैं बिहारी इंजीनियर

0
31

चंदन कुमार मिश्रा, पटना

बी टेक, बी ई, बी एस सी( इंजीनियरिंग), एम टेक, एम एस सी( इंजीनियरिंग), एम सी ए आदि ये है उच्च डिग्रियाँ जिसे पाने के लिए एक लम्बे समय के साथ काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन इनकी हालत या यूं कहें कि बिहार में इंजीनियरों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है एक छोटी सी बहाली से जो अभी वर्तमान में बिहार सरकार द्वारा की जा रही है। इस बारे में थोड़ी सी जानकारी मैं यहां पहुंचा रहा हूं। बिहार सरकार ने कुछ दिन पहले कांट्रैक्ट पर एक नियुक्ति की घोषणा की। पद का नाम है ब्लाक आई टी एसिस्टेंट। पूरे बिहार में 534 पद। सैलरी है 8000 रूपये। फरवरी की 11 तारीख को अंतिम दिन था इसके लिए आनलाइन आवेदन करने का। परिणाम घोषित हो चुके हैं। 3 मार्च 2011 को 11 बजे बुलाया गया है काउंसेलिंग के लिए। मेरे पास सात जिलों के परिणाम हैं जिन्हें मैं आपके सामने रखूंगा। सारण, सीवान, मधुबनी, जहानाबाद, अरवल, नवादा और पटना के परिणाम पर जरा विचार करते हैं।

 मेरिट लिस्ट में आये उम्मीदवार

कुल सीट =108

BE/ B Tech/ B Sc(Engg) etc

 

अरवल           जहानाबाद   नवादा             पटना   मधुबनी                       सारण              सीवान

3/5       6/7       11/14      19/23     16/20          16/20          16/19

 

108 में 87 यानि 80 प्रतिशत

 

M Tech/ M Sc/ MCA etc

अरवल           जहानाबाद   नवादा             पटना   मधुबनी                       सारण              सीवान

1/5       0/7       2/14       4/23 3/20      2/20      3/19

 

108 में 15 यानि 14 प्रतिशत

वेटिंग लिस्ट में आये उम्मीदवार

दो जिलों की वेटिंग लिस्ट नहीं दी गयी है।

पांच जिले में वेटिंग लिस्ट में कुल दी हुई उम्मीदवारों की संख्या =241

 

BE/ B Tech/ B Sc(Engg) etc

 

अरवल           पटना             मधुबनी                       सारण              सीवान

3/15      56/64           12/55           12/52           12/55

 

241 में 95  यानि 39 प्रतिशत

 

M Tech/ M Sc/ MCA etc

अरवल           पटना        मधुबनी                       सारण              सीवान

6/15       7/64      25/55           31/52           30/55

 

241 में 99 यानि 41 प्रतिशत

स्रोत: madhubani.bih.nic.in

saran.bih.nic.in

patna.bih.nic.in

arwal.bih.nic.in

jehanabad.bih.nic.in

siwan.bih.nic.in

navada.bih.nic.in

तो ये रहा हमारे यहां के इंजीनियरों का हाल। ऐसी बात नहीं कि हमारे ये इंजीनियर देश की सेवा के लिए प्रखंडों में कार्य करने को इच्छुक हैं। ये बहाली हमारी सरकार, शिक्षा और शासन का एक बहुत ही घटिया पक्ष है। आये दिन घोषणाएँ होती रहती हैं कि यहां इंजीनियरिंग कालेज खुलेंगे तो वहां मेडिकल कालेज खुलेंगे। मैं इस परिणाम को दिखाकर कुछ ज्यादा कहना चाहता नहीं। आप खुद इसे देखें और सोचें कि बिहार राज्य में विकास के क्या मानक हैं। अगर राज्य में इतनी ज्यादा संख्या इंजीनियरों की प्रखंडों में क्लर्की करने के लिए मारामारी कर रही हो तो इसे विकास का बहुत ही अच्छा उदाहरण माना जा सकता है!! इसे देखें और खुद समझने की कोशिश करें कि स्थिति कैसी है।

Previous articleअशांत करने वाला है पत्रकारिता का मौजूदा कोलाहल
Next articleसात साल में मुझे जवान कर दिया गया….
सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here