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फिजियोथेरेपी के प्रति ग्रामीण स्तर तक जागरूकता लाने से जनता को होगी सहूलियत : सांसद

बिना सर्जरी और दवा के फिजियोथेरेपी से ठीक हो रहे हैं मरीज : डॉ नरेंद्र कुमार सिन्हा

पटना में संपन्न हुआ विश्व फिजियोथेरेपी दिवस समारोह

पटना : इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट, बिहार शाखा की ओर से चल रहे विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के समापन आज बाबू जगजीवन राम इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज, पटना में संपन्न हो गया। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जहानाबाद से जदयू के सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने फिजियोथेरेपी को आज के समय में अद्भुत चिकित्सा पद्धति बताया और कहा कि इसके प्रति लोगों में जितनी जागरूकता होनी चाहिए, उतनी नहीं है। खास कर गांवों में गरीब तबके के लोग आज भी इससे अनजान हैं। मुझे लगता है कि उनके बीच लगातार इसके बारे में जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है, जिससे वे भी कई सारी बीमारियाँ का इलाज बिना दवा और सर्जरी के सिर्फ फिजियोथेरेपी या व्यायाम से कर सकेंगे और उनका भला होगा।
वहीं, इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट, बिहार शाखा के अध्यक्ष डॉ नरेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 8 सितंबर को विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो वैश्विक फिजियोथेरेपी समुदाय की एकता और एकजुटता का प्रतीक है। इसका उद्देश्य फिजिकल थेरेपी को बढ़ावा देने और फिजियोथेरेपिस्ट की विशेषता को आगे बढ़ाने के प्रयासों में सहायता करना है। आज इस कार्यक्रम का बिहार में समापन हो गया। उन्होंने कहा कि फिजियोथेरेपी के प्रति लोगों में पहले से अधिक जागरूकता आई है। कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां फिजियोथेरेपी की जरूरत नहीं। सरकारी और गैर सरकारी जागों पर भी इसकी स्थापना की जा रही है। हाल के दिनों में गाँव में भी लोग फिजियोथेरेपी के प्रति जागरूक हुए हैं, लेकिन ये जागरूकता और अधिक बढ़ाने के जरूरत है। क्योंकि फिजियोथेरेपी एक ऐसी चीज है, जिससे लोगों की कई बीमारियाँ बिना दवा और बिना सर्जरी के ठीक हों सकता है। इसके लिए सिर्फ व्यायाम और फिजियोथेरेपी की जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि ऑर्थोरायटिस की समस्या महिलाओं को किसी भी उम्र में हो सकती है, जिसमें जॉइन्ट पैन, सीढ़ी ना चढ़ पाना, स्वेलिंग जैसी चीजें होती हैं। इससे बचाव के लिए लगातार व्यायाम और मसल का स्ट्रेनथिनग को बढ़ाना जरूरी होता है।

ऑर्गनाइजर सेक्रेटरी सचिव डॉ स्मिता सिंह ने कहा कि फिजियोथेरेपी के लिए विश्व स्तरीय संगठन भी आगे आ रहे हैं। सरकार भी इसको लेकर जागरूकता कार्यक्रम चला रही है। इसके अलावा उन्होंने फिजियोथेरेपी से होने वाले लाभ और इसकी उपलब्धता के बारे में भी बताया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ के के सिन्हा, वाइस चांसलर नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी, डॉ राजीव रंजन, डॉ एन के सिन्हा, डॉ रोहित सिन्हा, इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट, बिहार शाखा के सचिव डॉ उमा शंकर सिन्हा, कोषाध्यक्ष डॉ अखिलेश कुमार झा, संयुक्त सचिव डॉ निरंजन कुमार और पांडेय रोहित सिन्हा,डॉ मनोज कुमार सिंह,डॉ राजेश कुमार सुमन,डॉ आदित्य ओझा,डॉ ज्योसनी खा, ने भी अपने विचार व्यक्त किये।इस अवसर पर डॉ रजनीश कांत को सर्वश्रेष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट का अवार्ड दिया गया।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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