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मधु पांडे के जन्मदिन पर रेड इंडियन ने मचाया धमाल

अमरनाथ, मुंबई। इवेंट्स को लेकर विशेष चर्चा में रहने वाली रेड इंडियन का धमाका मुंबई के पार्टियों हमेसा से नंबर1 रहा है। मधु पांडे का जन्मदिन है. इस बार क्लब ड्रग में तहलका मच गया, रेड इंडियन के सब हो गए दीवाने । इस खास मौके पर बॉलीवुड की कई जानेमाने हस्तिया भी मौजूद रही जिसमें स्पेशल गेस्ट में एक्ट्रेस हंसिका वाबरे थे । और इस मौके पर बड़े बिजनेस मैन अंश गर्ग इंदौर से आए हुए थे। डिस्को जॉकी डॉली सिन्हा भी मौजूद रही | डॉली सिन्हा के धुन को लेकर कपल्स, लड़कियों और लड़कों में एक अलग तरह का उत्साह देखा गया है |

खास बातचीत में डीजे डॉली सिन्हा ने बताया की काफी जदोजहद, लगातार मेहनत के बाद यह मुकाम मिला | एक समय ऐसा था जब उनके कान के ओप्रेशन के बाद डॉ ने डॉली को हैडफ़ोन लगाने से साफ मन कर दिया था लेकिन डॉली की डीजे बनने की ज़िद और मेहनत रंग लायी और आज वह एक सफल डिस्को जॉकी बन पायी है, वरना बिहार के एक छोटा शहर गया से मुंबई का सफर बहुत कठिन था | डॉली ने अपने कान का इलाज मुंबई के जाने माने डॉक्टर पारीख से करवाया था |

पिछली रेड इंडियन वर्षगाँठों की तरह इस शाम को भी बड़े ही धूमधाम और उत्साह से सजाया गया था और लोगों ने खूब मजे किए। आपको बता दें कि रेड इंडियन मालिक राकेश जोशी में मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित करने की एक पर्याप्त क्षमता है | राकेश जोशी एक जानेमाने हस्ती है और इनके इवेंट्स में बॉलीवुड की बड़ी बड़ी हस्तिया हमेसा से आती रही है और बॉलीवुड में इनके नाम के चर्चे बहुत है |
राकेश जोशी पिछले 30 सालों से लगातार मुंबई में डिस्को पब पार्टी का आयोजन करते आ रहे हैं. यही कारण है कि लोग रेड इंडियन की पार्टी को किसी भी हाल में छोड़ना नहीं चाहते हैं। हर इवेंट में रेड इंडियन कंपनी की ओर से लोगों के लिए खास डिस्काउंट भी दिया जाता है. क्लब में आने वाले जोड़ों व लड़कियों को भी नि:शुल्क प्रवेश दिया गया है।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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