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राज्य में कोरोना संक्रमितों का रिकवरी रेट 77 प्रतिशत, लोग घबराये नहीं : नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कारोना को लेकर अधिकारियों को निर्देश देते हुये

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में कोरोना संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण, निगरानी एवं रोकथाम हेतु किये जा रहे कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत ने कोविड-19 की वर्तमान स्थिति की जानकारी एवं उससे बचाव के लिए की जा रही तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने चिकित्सकीय उपकरण, दवा की उपलब्धता एवं टेस्टिंग कैपेसिटी, आइसोलेशन वार्ड आदि की विस्तृत जानकारी दी।

समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री नीती कुमार ने कहा कि सभी लोगों की सुरक्षा हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये बड़े पैमाने पर माइकिंग के साथ-साथ अन्य प्रचार माध्यमों से जागरुकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। जागरूकता अभियान में लोगों को बताना है कि कोरोना का अब तक कोई इलाज नहीं है। लोगों को यह समझायें कि मुंह एवं नाक को ढकने के लिये मास्क का सदैव उपयोग करें। उन्होंने कहा कि साबुन से कुछ-कुछ अंतराल के बाद लगातार हाथों की सफाई करते रहें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। कोरोना संक्रमण से बचाव का यही प्रभावी उपाय है। सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देर्शों का पूरी तरह पालन करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं तथा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे अति आवश्यक या स्वास्थ्य संबंधी कार्य न होने पर यथा संभव घर पर ही रहें। अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

नीतीश कुमार ने कहा कि भविष्य में कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका को देखते हुये सभी तैयारियां पूर्व में ही कर लें। अधिक से अधिक संख्या में लोगों की जांच करायी जाय। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि 10 हजार प्रतिदिन टेस्टिंग का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि टेस्टिंग कैपेसिटी को 15 हजार प्रतिदिन शीध्र करने की कार्रवाई की जाय। पूल टेस्टिंग में गाइडलाइन का पालन करें और यथासंभव कम लोगों का ही सैंपल लें। उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों को देखते हुये सेफ्टी इक्यूपमेंट्स, टेस्टिंग किट्स, आक्सीजन सिलेंडर आदि पर्याप्त संख्या में उपलब्ध रखें। पाइप लाइन के माध्यम से आक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था का कार्य शीघ्र पूर्ण करें। संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुये आवश्यक दवाओं, उपकरणों आदि की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता के लिये अग्रिम तैयारी रखें।

नीतीश कुमार ने कहा कि सभी जिलों में आइसोलेशन बेड्स की संख्या पूर्ण तैयारी के साथ बढ़ाने की आवश्यकता है। साथ ही डेडीकेटेड अस्पतालों में बेड की संख्या और बढ़ायें। वैसे सरकारी भवन जो कार्यरत नहीं हैं वहां आईसोलेशन सेंटर बनाये जा सकते हैं। स्कूलों में आइसोलेशन सेंटर नहीं बनाये जायें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष ए. ई. एस.  प्रभावित मुजफ्फरपुर के पांच प्रखण्डों में सोशियो इकोनोमिक सर्वे के आधार पर जो कार्य किये गये थे, उसे ए.ई.एस. प्रभावित सभी प्रखण्डों में क्रियान्वित करें। उन्होंने कहा कि जे. ई.  के इलाज के लिये सतर्कता बरतें और जे.ई. के टीकाकरण का कार्य भी अन्य जिलों में पूर्ण करें। कालाजार के उन्मूलन हेतु पूरी तौर पर समर्पित होकर कार्य करने की आवश्यकता है। डेंगू बीमारी से बचाव के लिये सभी सुरक्षात्मक उपायों की पूरी तैयारी रखें। मलेरिया से बचाव के लिये सभी जगह छिड़काव करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये हर जरुरी कदम उठाये जा रहे हैं। लोगों को अन्य बीमारियों के इलाज में कोई कठिनाई न हो, यह भी सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि लोगों को कोरोना संक्रमण के संबंध में लागातार जागरुक करने की आवश्यकता है। लोग कोरोना संक्रमण से घबरायें नहीं। राज्य में कोरोना संक्रमितों का रिकवरी रेट 77 प्रतिशत है। लोग धैर्य रखें, सचेत रहें और सतर्क रहें।

बैठक में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रधान सचिव आपदा प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे।

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