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साहित्यिक संस्था ‘लम्हे जिंदगी के’ ने अपना तीसरा वार्षिकोत्सव मनाया और इस मौके पर देश के प्रसिद्ध एवं उभरते साहित्यकारों को सम्मानित भी किया

राजू बोहरा / विशेष संवाददाता, दिल्ली

दिल्ली के हिंदी भवन में 8 सितंबर को साहित्यिक संस्था ‘लम्हे जिंदगी के” ने अपना तीसरा वार्षिकोत्सव “साहित्य संचिता” और सम्मान समारोह का शानदार आयोजन किया। इस समारोह में दिल्ली और देश के विभिन्न प्रदेशों से संस्था से जुड़े साहित्यकारों ने हिस्सा लिया। ‘लम्हें जिंदगी के ” ने अपनी पहली साहित्यिक वार्षिक पत्रिका ‘रुचिरा’ का भी अनावरण किया और हिंदी के सत्तर साहित्यकारों को सम्मानित किया। ‘लम्हे जिंदगी के” वार्षिकोत्सव साहित्य संचिता का शुभारंभ सरस्वती माता के चरणों में मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करते हुए सरस्वती वंदना के गायन के साथ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. लक्ष्मी शंकर वाजपेयी शामिल थे। इस मौके पर उनका स्वागत किया गया और संस्था द्वारा सम्मानित भी किया गया।

अति विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार इंदिरा मोहन और रवि प्रकाश शर्मा के साथ विशिष्ट अतिथि राजेश प्रभाकर और मुख्य वक्ता और प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. हिमांशु शेखर का भी स्वागत और सम्मान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार सरोजनी चौधरी ने की। उसके पश्चात संस्था की संस्थापिका डॉ.पूजा भारद्वाज ने स्वागत अभिभाषण देते हुए सभी अतिथियों का अभिवादन किया।

लम्हे जिंदगी’ के संस्था की पहली साहित्य पत्रिका रुचिरा का सभी अतिथियों ने विमोचन किया। साथ ही रेखा चौहान की पुस्तक “मोद प्रणव” और अनामिका अग्रवाल की “ख्वाबों की दुनियां” एवं हरीप्रकाश गुप्ता की पुस्तक “ यादों का दर्पण” का भी लोकार्पण इस अवसर पर किया गया। मुख्य वक्ता हिमांशु शेखर ने पिछले तीन वर्षों में संस्था द्वारा किए गए कार्यों और उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि लम्हे जिंदगी के संस्था पिछले तीन वर्षों में उभरते हुए साहित्यकारों का उत्साहवर्धन करती है और उनको आगे बढ़ने के लिए एक पटल देती है। समाज सेवा में भी संस्था के कार्य लगातार बढ़ रहे हैं। कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि इंदिरा मोहन ने महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करते हुए संस्था से जुड़ी सभी महिला साहित्यकारों का मनोबल बढ़ाया।

समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. लक्ष्मी शंकर वाजपेयी ने अपने वक्तव्य में कहा कि लम्हे जिंदगी के संस्था जिस तरह का कार्य कर रही है वैसा कार्य करने की देश को ज़रूरत है। साहित्यकार ही समाज का सच्चा आईना होता है। देश में महिलाओं के खिलाफ़ बढ़ रही घटनाओं को रोकने के लिए महिलाओं को मजबूत बनना होगा। लक्ष्मी शंकर जी ने अपने काव्य पाठ से देश के मीडिया, राजनीति और सामाजिक ताने बाने पर कड़ा प्रहार करते हुए व्यंग बाण भी छोड़े। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में साहित्यकारों और पत्रकारों को पुरस्कृत कर के सम्मानित किया गया । लम्हे जिंदगी के” संस्था की पत्रिका में रुचिरा में संस्था से जुड़े जिन सत्तर साहित्यकारों का काव्य संग्रह किया गया है उनको ज्ञान पुंज और साहित्य अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में शामिल होने वाले साहित्यकार पूजा श्रीवास्तव ,रश्मि चौबे,बबली सिन्हा ‘वान्या’,रेखा चौहान,कामिनी मिश्रा ,शालनी मिश्रा ,अवधेश कनोजिया,डॉ. अवधेश तिवारी,डॉ. संतोष संप्रीति,डॉ. विनय कुमार,अभिषेक भारद्वाज ,अंकित शर्मा ,अर्चना शर्मा ,हरी प्रकाश गुप्ता ,अनामिका अग्रवाल,गोल्डी गीतकार ,हरि नारायण जाट ,नानक चंद खंडेलवाल,कृष्ण गोपाल सोलंकी,राजबीर राज़,अल्पी वार्ष्णेय,संगीता वर्मा,संगीता चौहान,संगीता बिजारनिया,शोभा सचान,जितेंद्र यादव ,लीना जैन,राजेश श्रीवास्तव ,शिल्पा वर्मा,स्मृति श्रीवास्तव,इंदु श्रीवास्तव,भूपेंद्र राघव ,रजनी बाला,सुकृति श्रीवास्तव ,नलिनी राज “मौसम”, रमा त्यागी,वीरेंद्र पाठक ,सुनील शर्मा,डाॅ.कामना मिश्रा, हेमंत अग्रवाल,नेहा जैन, मधु अरोरा,देवेंद्र शर्मा ‘देव, नेहा शर्मा,

सुरेन्द्र शर्मा,ग़ज़लकार अर्चना झा, प्रेरणा सिंह,सुमन मोहिनी,डॉ हिमांशु शेखर, शालिनी अग्रवाल,शैलजा सक्सेना, विभा राज वैभवी,ब्रह्मदेव शर्मा, गीतकार प्रमोद मिश्र निर्मल,दीप्ति द्विवेदी,कुलदीप कौर “दीप”,शांत्वना सिंह शुक्ला,निवेदिता शर्मा, अर्चना शर्मा.राजवीर सिंह राज़ ,राजबाला राज,ललिता भोला,दिनेश तिवारी और डॉ. ओंकार त्रिपाठी आदि को सम्मानित किया गया।

तत्पश्चात मीडिया जगत के पत्रकारों को भी साहित्यिक पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिनमे देश के जानेमाने वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार राजू बोहरा, सलाम भारत के मुख्य संपादक ए.क्यू. खुर्रम, तिरछी नज़र के संपादक फारूक मंसूरी और एएम न्यूज़ से नौशाद अली और अन्य पत्रकारों के नाम मुख्य रूप से शामिल है। कार्यक्रम के अंत में ‘लम्हे जिंदगी के “की संस्थापिका डॉ.पूजा भारद्वाज ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों, समारोह में पहुंचे सभी साहित्यकारों, पत्रकारों और सभी अतिथियों का कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया।

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raju bohra

लेखक पिछले 25 वर्षो से बतौर फ्रीलांसर फिल्म- टीवी पत्रकारिता कर रहे हैं और देश के सभी प्रमुख समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओ में इनके रिपोर्ट और आलेख निरंतर प्रकाशित हो रहे हैं,साथ ही देश के कई प्रमुख समाचार-पत्रिकाओं के नियमित स्तंभकार रह चुके है,पत्रकारिता के अलावा ये बतौर प्रोड्यूसर दूरदर्शन के अलग-अलग चैनल्स और ऑल इंडिया रेडियो के लिए धारावाहिकों और डॉक्यूमेंट्री फिल्म का निर्माण भी कर चुके। आपके द्वारा निर्मित एक कॉमेडी धारावाहिक ''इश्क मैं लुट गए यार'' दूरदर्शन के''डी डी उर्दू चैनल'' कई बार प्रसारित हो चुका है। संपर्क - journalistrajubohra@gmail.com मोबाइल -09350824380

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