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हमारा लक्ष्य सांप्रदायिक शक्तियों को रोकना है- मुंद्रिका सिंह यादव

मुंद्रिका सिंह यादव, प्रधान महासचिव, राजद

जनता दल के प्रधान महासचिव मुंद्रिका सिंह यादव बिहार के मैच्योर नेता हैं। पिछले कई दशक से बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं। बिहार की राजनीति की हर धड़कन को वो अच्छी तरह से पहचानते हैं। देश में मोदी सरकार की स्थापना के बाद बिहार की राजनीति में एक हिलोड़ आया है। यहां का समाज मोदी विरोधी और मोदी समर्थक धड़ों में लाबमंद हो रहा है। महागठबंधन के नाम पर बिहार में एक नई राजनीतिक जमीन तैयार की जा रही है। मुंद्रिका सिंह यादव से सूबे और देश की राजनीति पर तेवरआनलाइन ने खुलकर बातचीत की है। पेश है इस बातचीत के मुख्य अंश।

तेवर : पिछले तीन चुनाव से जंगल राज का भूत पीछा क्यों नहीं छोड़ रहा है? क्या आपको नहीं लगता कि आपकी पार्टी वहीं खड़ी है जहां 15-20 साल पहले थी ?

मुंद्रिका सिंह यादव : सच मायने में जंगल राज कहने वाले लोग गरीब विरोधी हैं। पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक, मजलूमों और महकूमों के घोर विरोधी हैं। लालू-राबड़ी जी की सरकार सामाजिक न्याय के पथ पर बढ़ने वाली धर्मनिरपेक्ष सरकार थी। इस सरकार ने गांवों के गरीबों, दलितों और अकलियतों को जुबान देने का काम किया था। गरीब का बेटा सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों के सामने कुर्सी खींच कर बैठ सकता था या फिर सचिवालय में बेधड़क दाखिल हो सकता था। कहीं भी जुल्म और अत्याचार होता था तो लालू जी और उनके मंत्री खुद पहुंच जाते थे। उनसे मिलकर उन्हें तसल्ली देते थे, उनके आंसू पोछने का काम करते थे। उन्हें इस बात का अहसास कराते थे कि यह आपकी सरकार है और इस सरकार में किसी के खिलाफ जुल्म नहीं होने दिया जाएगा। हमारी सरकार गरीबों की सरकार थी, जिसे गलत तरीके से बदनाम करने की साजिश आज तक चल रही है। हालांकि लोग अब असलियत समझ चुके हैं।

तेवर : जंगल राज शब्द बिहार की राजनीति में खूब गूंजा है, इससे तो कोई इंकार नहीं कर सकता। जंगल राज का हथियार आपके खिलाफ आज भी चमकाया जा रहा है। क्या जंगल राज सामाजिक न्याय का अगला कदम था, क्या वाकई में सामाजिक न्याय की लड़ाई समय के साथ जंगल राज में तब्दील हो गई ? ‘जंगल राज के हथियार से खुद को कब तक चोटिल होने देंगे ?

मुंद्रिका सिंह यादव : ‘जंगल राज’ का हल्ला मचाने वालों ने सामाजिक न्याय की लड़ाई को पिछले धकेलने की कोशिश की है। उस सरकार को जंगल राज कहने वाले लोग गरीबों के सवालों से रूबरू नहीं हुये हैं। सुशील मोदी, नंद किशोर यादव और मंगल पांडे जैसे लोग एक स्वर में लालू-राबड़ी सरकार को जंगल राज करार दे रहे हैं। इसके अलावा इनके पास कहने के लिए और कुछ नहीं है। अब बिहार की जनता समझ चुकी है कि ये लोग किस तरह से उन्हें गुमराह कर रहे हैं। इनके मनसूबों को कामयाब नहीं होने देगी।

तेवर : केंद्र में नरेंद्र मोदी के सत्तासीन होने का असर बिहार की भावी राजनीति पर क्या होगा, लालू जी ने तो आडवानी जी का रथ रोक लिया था, उनकी तबीयत नासाज है। ऐसे में आप लोग कैसे मुकाबला करेंगे ? सेंकेड ग्रेड लीडरशीप से भी तेजस्विता फूटती नहीं दिख रही है।

मुंद्रिका सिंह यादव: केंद्र में मोदी सरकार की स्थापना का बिहार की राजनीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। इसका जीता जागता उदाहरण 2014 में 10 विधानसभा क्षेत्रों के उप चुनाव है। 10 में से 6 सीट जीतने में हम कामयाब हुये हैं। महागठबंधन के नेतृत्व में 6 सीट पर जीत इस बात का संकेत है कि 2015 के चुनाव में बिहार में नरेंद्र मोदी का कोई असर नहीं होगा। केंद्र की मोदी सरकार से प्रदेश की जनता निराश और हतोत्साहित है। राजद, जदयू और कांग्रेस के महागठबंधन का ही बोलबाला रहेगा।

तेवर : लाख टके का सवाल- महागठबंधन की ओर सीएम कौन होगा ?

मुंद्रिका सिंह यादव : महागठबंन का लक्ष्य है देश के धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी पार्टियां को एकजुट करना जिसका नेतृत्व कभी डा. राम मनोहर लोहिया, आचार्य नरेंद्र देव, अमर शहीद जगदेव और कर्पूरी ठाकुर जैसे लोगों ने किया था। समय के साथ समाजवादी पार्टियों में बिखराव आ गया था। महागठबंधन के तहत सबको एक प्लेटफार्म पर लाया जाएगा। हमारा उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सांप्रदायिक शक्तियों के विस्तार को रोकना है। मोदी के नेतृत्व में देश में हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई की एकता को खतरा है। इनके रंग रग में सांप्रदायिकता व्याप्त है। इनका हर स्टेप इसी दिशा की ओर बढ़ता है। देश की जनता को याद है जब श्री आडवानी जी रथ लेकर देश में सांप्रदायिकता भड़काने के लिए निकले थे और बिहार आये थे तो धर्मनिरपेक्ष शक्तियों के एक मात्र नेता लालू जी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। उनकी नापाक मंशा को चकनाचूर करने का काम किया था। आज फिर दिल्ली में बीजेपी सत्तासीन हुई है, वह उसी दिशा में बढ़ने का काम कर रही है। हाल के दिनों में लव जेहाद के नाम पर देश में देश में सांप्रदायिकता फैलाने का काम किया जा रहा है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं गांधी के ये हत्यारे देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं। इनके नेतृत्व में किसी भी कीमत पर देश और समाज एक नहीं रह सकता।

तेवर : बिहार में माई समीकरण के तहत आप लोग लंबे समय तक इकतरार में रहे, सेक्यूलरिज्म का झंडा आपके हाथ में रहा, 2014 के लोकसभा चुनाव में तथाकथित सेक्यूलरिज्म बुरी तरह से धराशायी हुई। आगे आप सेक्यूलर फैब्रिक्स को कैसे बरकरार रखेंगे ? खासकर मुसलमानों को लेकर आपकी क्या नीति होगी ?

मुंद्रिका सिंह यादव : सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता हमारी बुनियादी वसूल है। किसी भी परिस्थिति में हम इसे छोड़ नहीं सकते। इससे कदापि अलग नहीं हो सकते।गरीब, पिछड़े, शोषित, दलित और हर जाति के लोग हमारे साथ हैं।

तेवर : पूरी दुनिया में निजी बैंकों और कंपनियों का जाल बिछा हुआ है, मनमोहन सिंह की उदारवादी इकोनोमी नये चरण में काफी आगे बढ़ चुका है। केंद्र की मोदी सरकार भी कमोबेश इसी रास्ते पर चल रही है। आप बिहार का इकोनोमिक पुर्नगठन करेंगे या फिर महागठबंधन की इकोनोमिक पोलिसी भी इसी राह पर आगे बढ़ेगी ?

मुंद्रिका सिंह यादव : सामाजिक न्याय के लोग जो आजादी के साढ़े छह दशक बाद भी जीवन के सभी क्षेत्रों में पीछे हैं उनके विकास पर हम खास ध्यान देंगे। हमारी आर्थिक नीतियां उनके पक्ष में होंगी ताकि आने वाले दिनों में उनका चहुंमुखी विकास हो। वर्तमान केंग्र सरकार ने जन धन योजना की शुरुआत भी है, जिसमें स्पष्ट दृष्टि का अभाव है। साजिश के तहत गरीबों को इससे दूर कर दिया गया है। जो डाक्यूमेंट्स मांगे जा रहे हैं वो गरीबों के पास हैं ही नहीं फिर उन्हें इस योजना का लाभ कैसे मिल सकता है। केंद्र में पूंजीपत्तियों की सरकार है। इन्हीं लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए देश में बेशुमार बैंक खाते खोले जा रहे हैं।

तेवर : पूरे देश ने इस बार परिवारवादी राजनीति को नकारा है। केंद्र में कांग्रेस और यूपी में सपा का सफाया हुआ, बिहार में भी कमोबेश तस्वीर ऐसी ही बनी रही। ऐसे में क्या राजद अपने वर्तमान पारिवारिक नेतृत्व वाली परंपरा के साथ 2015 के बिहार के साथ कदमताल कर पाएगा ?

मुंद्रिका सिंह यादव :  राजनीति में जो शिरकत करेगा, काम करेगा, जो किसानों और मजदूरों के लिए संघर्ष करेगा वह आगे आएगा। सीधी सी बात है जो काम करेगा उसे मौका मिलेगा। किसी नेता के परिवार के लोग यदि काम करते हैं तो उन्हें मौका मिलना चाहिए। हमारा संविधान भी इस आधार पर दीवार खड़ी नहीं करता कि किसी राजनीतिक परिवार से ताल्लुक होने की वजह से किसी व्यक्ति के साथ भेदभाव किया जाये। हमारे दरवाजे हर किसी के लिए खुला है।

तेवर : नीतीश कुमार की सुशासन सरकार को कितना नंबर देंगे ? और वर्तमान मांझी सरकार की रफ्तार के बारे में क्या कहेंगे ?

मुंद्रिका सिंह यादव : अभी नंबर देने की बात नहीं है क्योंकि हम विपक्ष की भूमिका में रहे हैं और बीच में ऐसी राजनीतिक परिस्थियां उत्पन्न हुई और बदलते हुये परिदृश्य में महादलित का बेटा जीतन राम मांझी जैसे व्यक्ति को बिहार का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला तो लालू जी ने अपने लोगों से सलाह मशविरा के बाद उन्हें समर्थन देने का फैसला कर लिया। अलग होने के बाद बीजेपी के लोग इस सरकार को हटाना चाहते थे। लालू जी ने स्पष्ट कहा था सांप्रदायिक शक्तियों के मनसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। महादलित के बेटे के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। हमने उन्हें बिना शर्त समर्थन दिया। आज भी दे रहे हैं और आगे भी देते रहेंगे। लेकिन जनता की बुनियादी समस्याएं पानी, बिजली और स्वास्थ्य को हम नजरअंदाज नहीं होने देंगे। इसी संदर्भ में मैं कहना चाहूंगा कि पटना में पशुपालकों की समस्याओं को हम उठा रहे हैं। इस शहर के बदलते मिजाज के अनुसार उन्हें भी जगह मिलनी चाहिए ताकि लोगों को सहजता से दूध मिलता रहे और उनकी भी रोजी रोटी चलती रहे। इसी तरह गरीबों से जुड़ों अन्य मुद्दों को भी हम उठाते रहेंगे।   

तेवर : तेवरआनलाइन पर अपनी ओर से बिहार की जनता को कुछ कहना चाहेंगे।

मुंद्रिका सिंह यादव : बिहार और प्रदेश की जनता ने जिस धोखे में मोदी सरकार को केंद्र में स्थापित करने का काम किया है उसकी पोल अब खुल चुकी है। 100 दिन कार्यकलाप से ही पता चल गया है कि आने वाले दिन कितने अच्छे हैं। बिहार के लोग सचेत हो जाये, किसी गफलत में न आये। बिहार का रास्ता सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता का है। सांप्रदायिकता को सिरे से नकारने की जरूरत है।

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