नियंत्रण और कमान केंद्र द्वारा होगा पथों के अनुरक्षण का अनुश्रवण : नितिन नवीन

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पटना | बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने आज पथ निर्माण विभाग के द्वारा पथ संधारण के लिए साक्ष्य् आधारित विस्तृरत एवं सटीक अनुश्रवण हेतु एक नई एवं बेहतर व्यवस्था सड़क रखरखाव आवेदन तथा मुख्याaलय स्थित नियंत्रण और कमान केंद्र का शुभारम्भि किया। यह व्यवस्था मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यoम से सभी स्मा‍र्टफोन तथा आई ओ एस आधारित) पर कार्य करेगा।

श्री नवीन ने बताया कि वर्त्तंमान में यह व्यवस्था ओपीआरएमसी,एमबीडी एकरारनामा आधारित 13064 कि०मी० लम्बा्ई में 43 पथ प्रमंडल अंतर्गत सभी 72 पैकेजों के पथों में लागू किया जा रहा है। इसके अतिरिक्तप सीएमबीडी एकरारनामा अंतर्गत पथों तथा अनुरक्षण योग्य अन्य सभी पथों का अनुश्रवण भी नियंत्रण और कमान केंद्र द्वारा किया जायेगा।इ

स कार्यव्यवस्था के विन्दुओं पर चर्चा करते हुए पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री के सोच को साकार करने हेतु इस प्रणाली को एकल डैस बोर्ड पर आधारित बनाया गया है, जिसमें परियोजनाओं के विभिन्न घटकों का अनुश्रवण प्रत्येंक स्तयर पर क्षेत्रीय पदाधिकारियों एवं मुख्यानलय स्थित अभियंताओं एवं पदाधिकारियों द्वारा किया जा सकेगा जिससे त्वररित निर्णय लेकर समाधान हो सकेगा।

पथ निर्माण मंत्री ने जानकारी दी कि इस डैसबोर्ड के माध्यम से पथ निर्माण विभाग की सभी सूचनाऍ वास्तविक समय के आधार पर एक ही जगह उपलब्धा रहेगी साथ ही साथ पथों की गुणवत्ताव एवं उसके वास्तविक स्थिति का निरीक्षण ड्रोन सिस्टम से भी किया जा सकेगा।
उहोने बताया कि इस नई एवं बेहतर व्यवस्था में पथ निर्माण विभाग के सभी अंभियंताओं द्वारा क्षेत्र निरीक्षण के दौरान ही पथ की त्रुटियों को रीयल टाइम फ़ोटोग्राफ़ (अक्षांश, देशांतर .) सहित डाला जा सकेगा। पथ के त्रुटियों को डालते ही संबंधित संवेदक, सभी पदाधिकारियों तथा पथ निर्माण विभाग, मुख्याrलय के नियंत्रण और कमान केंद्र में सूचना प्राप्त हो जायेगी। पथ की त्रुटियों को सुधार के बाद संवेदक प्रतिनिधि के द्वारा भी रीयल टाइम फ़ोटोग्राफ़ (अक्षांश, देशांतर .) डाला जायेगा। त्रुटियों के निराकरण होते ही सभी संबंधित एवं मुख्यालय स्थित नियंत्रण और कमान केंद्र को सूचना तत्कारल प्राप्त हो जायेगी। इस आवेदन की विशेषता यह है कि बाद में भी इस सूचना को कभी भी देखा जा सकता है कि‍ किस पथ में कब क्या त्रुटि थी एवं उसका निराकरण कब किया गया। इससे पथ को दोष इतिहास त्रुटियों की जानकारी का भी पता चल सकेगा।

श्री नवीन ने बताया कि इस नई कार्यप्रणाली से अभियंताओं के द्वारा पथ का सुगम रूप से किया जायेगा जो मुख्ययमंत्री का भी निर्देश है। इसके अतिरिक्त नियंत्रण और कमान केंद्र में अभियंताओं के परियोजना स्थल पर उपस्थित होने की भी सूचना मिल जायेगी।

उहोने ने कहा कि इस के लिए पथ निर्माण विभाग के सभी अभियंताओं तथा संवेदक प्रतिनिधि को अलग अलग यूनिक आईडी प्रदान किया गया है। सभी संबंधित अभियंताओं को पथवार एवं प्रमंडलवार पथों के साथ टैग किया गया है। इस व्यवस्था में संवेदक को भी एक विकल्प उपलब्ध रहेगा कि वह कार्य क्षेत्र से संबंधित कठिनाईयों को भी दिये गये विकल्प के माध्यम से आसानी से अंकित कर सकेंगे।

श्री नवीन ने इस नये प्रणाली के सफल क्रियान्व के लिए बताया कि सभी प्रमंडलों के एक सहायक अभियंता, एक कनीय अभियंता तथा प्रत्येाक पैकेजों के संवेदक प्रतिनिधि को कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है जिसमें ऑनलाइन प्रशिक्षण की भी व्य्वस्था् की गई थी। भविष्य में सभी अभियंताओं को समय समय पर इस एप्प हेतु प्रशिक्षित करने की व्यवस्था भी रहेगी।
इस दौरान इस कार्यक्रम में पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्य्य अमृत, सचिव संदीप कु०आर० पुडकलकट्टी, अपर सचिव शैलजा शर्मा, अभियंता प्रमुख हनुमान चौधरी, मुख्यर अभियंता नीरज सक्से‍ना, इन्दु् शेखर राय, शमीम अहमद, शाकिर अली, अमरनाथ पाठक, लक्ष्मीव ना० सिंह आदि भी उपस्थित थे।

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