बिहार में जारी है बियाडा घोटाला, महिला उद्यमी प्रताड़ित
रीता कंप्यूटराइज्ड नीट वेयर प्राइवेट लिमिटेड की जमीन अपर्णा इंडस्ट्रियल प्रमोशन को दिया
पटना,
बिहार में बियाडा जमीन घोटाला बदस्तूर जारी है। इस घोटाले की आंच सूबे की महिला उद्यमियों को भी झुलसा रही है। उद्योग के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने की तमन्ना लिये हुये रीता श्रीवास्तव ने रीता कंप्यूटराइज्ड नीट वेयर प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 2002 में की थी, जिसमें रेडिमेड गारमेंट का उत्पादन शुरु हुआ। देखते ही देखते उन्हें इस कारोबार में लाभ होने लगा और उन्हें खुद की फैक्ट्री लगाने की जरूरत महसूस होने लगी। सूबे में फैक्ट्री के लिए जमीन पाने के उद्देश्य से रीता श्रीवास्तव मुख्यमंत्री दरबार पहुंची। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रीता श्रीवास्तव के कार्यों से काफी प्रभावित हुये और उन्होंने अधिकारियों को तत्काल इन्हें जमीन मुहैया कराने को कहा। वर्ष 2006 में इन्हें फतुहा इंडस्ट्रियल एरिया में जमीन आवंटित कर दी गई। वर्ष 2007 में इन्हें जमीन का पोजिशन भी दे दिया गया।
इसी बीच इनका एक्सिडेंट हो गया और वर्ष 2009 में किश्त देने में देर होने पर जमीन को कैंसिल कर दिया गया। बाद में मेडिकल रिपोर्ट देने व किश्त जमा करने पर 2010 में फिर इन्हें जमीन दे दिया गया। फिर फोन करके इन्हें कहा गया कि आप पैसे ले लीजिये और जमीन को छोड़ दीजिये। या फिर इस जमीन के बदले कहीं और जमीन ले लीजिये। चूंकि इन्हें शांतिपूर्ण तरीके से अपना व्यवसाय करना था इसलिए दूसरी जगह जमीन लेने पर यह राजी हो गईं। लेकिन बियाडा के अधिकारी इन्हें विवादास्पद जमीन दे रहे थे। इस बात की जानकारी होने पर इन्होंने विवादास्पद जमीन लेने से इन्कार कर दिया। उस वक्त इनका प्रोपोजल बैंक में था। बैंक बियाडा का लीज मांग रहा था। जब यह लीज का लेटर मांगने बियाडा के पास गई तो इन्हें जमीन के कैंसिल होने का नोटिस थमा दिया गया। मजे की बात है कि जमीन को कैंसिल करने से पूर्व इन्हें सूचित भी नहीं किया गया। इस मामले में बियाडा (फतुहा) के एक पूर्व अधिकारी बीके मिश्रा काफी रुचि ले रहे हैं। यहां तक कि बीके मिश्रा फोन पर भी रीता श्रीवास्तव को डराते-धमकाते रहे हैं। साथ ही रीता श्रीवास्तव को जमीन कैंसिल करा देने की धमकी भी मिलती रही है। बहाना यह बनाया जा रहा है कि बिहार विकास के लिए बाहर के उद्यमियों को लाया जा रहा है। रीता श्रीवास्तव पर बिहार फाउंडेशन से जुड़ने का दबाव भी बनाया जाता रहा है। जबकि रीता श्रीवास्तव संतुष्ट नहीं थी और उन्होंने इससे जुड़ने से साफ तौर पर इन्कार कर दिया। फिर वे लोग छह महीने के लिए चुप हो गये। इसके बाद जमीन कैंसिल करके वही जमीन बिहार फाउंडेशन के तहत संचालित कंपनी अपर्णा इंडस्ट्रियल प्रमोशन को एलाट भी कर दिया। जबकि उद्योग विभाग में इसकी सुनवाई चल रही थी। जमीन को कैंसिल करने से पहले नोटिस भी नहीं दिया। जानकारी के मुताबिक अपर्णा इंडस्ट्रियल प्रमोशन काउंसिल ने बीके श्रीवास्तव की जेब गरम कर रखा हैं। बियाडा के भ्रष्ट अधिकारी यहां तक कह रहे हैं कि जमीन वापस लेने की कार्रवाई सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर किया जा रहा है। एक ओर सूबे में उद्योग धंधों को प्रोत्साहित करने की बात हो रही है तो दूसरी ओर बियाडा के अधिकारी घपले घोटाले में लगे हुये हैं।
इस संबंध में रीता श्रीवास्तव कहती हैं, “प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत एक लाख रुपये से मैंने अपना काम शुरु किया था। उस वक्त दो लाख रुपये मिलते थे लेकिन मैंने एक लाख रुपये ही लिये। फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कहने पर फतुहा में जमीन मिली, लेकिन अब वही जमीन मुझसे छिन ली गई है। मेरे काम को देखकर बिहार राज्य महिला विकास निगम ने अपने साथ जोड़ा था, लेकिन वहां पर भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। और अब जमीन चली गई। बियाडा के अधिकारी यहां तक कह रहे हैं कि मैं बिहार के विकास में बाधा बन रही हूं। लेकिन मैं हार नहीं मानूंगी, न्याय के साथ विकास मुझे भी चाहिये। ”