लिटरेचर लव
मंदिर में भगवान
सूखी रोटी के लिए
शोर है संसार में
आज जीवन फल-फूल रहा
हत्या और अपराध में
केवल रोटी की कीमत
चुका दे जो आदमी
वह आदमी भगवान है
धधकते इस मकान में।
(काव्य संग्रह संगीन के साये में लोकतंत्र से)
सूखी रोटी के लिए
शोर है संसार में
आज जीवन फल-फूल रहा
हत्या और अपराध में
केवल रोटी की कीमत
चुका दे जो आदमी
वह आदमी भगवान है
धधकते इस मकान में।
(काव्य संग्रह संगीन के साये में लोकतंत्र से)
Hé c’est un grand poteau. Est-ce que je peux employer une partie là-dessus sur mon emplacement ? Je naturellement lierais à votre emplacement ainsi les gens pourraient lire le plein article s’ils voulaient à. Remercie l’une ou l’autre manière.