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विक्रमगंज में लगेगी पुष्पा स्टील कम्पनी : संजय यादव

काराकाट विधानसभा के विक्रमगंज  में महाराष्ट्र की चर्चित पुष्पा स्टील कंपनी लगाई जायेगी। इस बात की सूचना काराकाट के राजद विधायक संजय यादव ने दी। इससे पहले पुष्पा  स्टील कम्पनी के ओनर प्रमोद दुगड़ की ओर से संजय यादव को सम्मानित भी किया गया। मौके पर संजय यादव ने कहा कि बिहार में बेरोजगारी पहले से ही चरम पर थी और अब कोरोना महामारी के बाद हालात और भी खराब हो गए हैं। ऐसे में पुष्पा स्टील कंपनी का मेरे विधानसभा क्षेत्र काराकाट में कंपनी लगाने की बात स्वागत योग्य है। इससे काराकाट विधानसभा के नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

उन्होंने बताया कि काराकाट विधान सभा में उद्योग स्थापित करने का संकल्प मेरा पहले से भी है, लेकिन राज्य सरकार के उदासीन रैवये की वजह से यह जब नहीं हो पाया, तब मैं खुद से कई कंपनियां से कोरोना काल के दौरान मुलाकात की। हमने उनसे काराकाट में उद्योग लगाने का उनसे आग्रह किया। यही वजह है कि आज कई कंपनियां यहां आने को तैयार हैं। उन्होंने बताया कि 2021 के 14 जनवरी  के बाद प्रमोद दुग्गड़ ग्रुप के मालिक के पुत्र गौरव दुग्गड़ विक्रमगंज विजिट करेंगे। मेरा सपना साकार होते दिख रहा  हैं

उन्होंने बताया कि यह कंपनी 2021 में शुरु हो सकेगी। कागजी कार्रवाई पर जल्द पूरी होगी और काम शुरू होगा। संजय यादव ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार वास्तव में खराब हो चुकी है। इनके शासन में रोजगार का सृजन जितना हुआ नहीं, उससे ज़्यादा लोग बेरोजगार हो गए। यह दुखद स्थिति है। तभी हमारे नेता माननीय तेजस्वी यादव जी को बेरोजगारी यात्रा करनी पड़ी, ताकि लोगों के बीच इस सरकार की विफलता को गिनाया जाये और तेजस्वी यादव व राजद के विजन को लोगों तक पहुंचाया जाए। इसमें सफलता भी मिली। राजद तेजस्वी यादव जी के नेतृत्व में युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है और उसी एजेंडे पर हम काराकाट विधानसभा में उद्योग धंधा स्थापित करने का हम प्रयास कर रहे हैं।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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