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सतिंदर सरताज और सिमी चहल ने दिल्ली में किया ‘होशियार सिंह (अपना अरस्तु)’ का प्रमोशन

अमरनाथ, मुंबई। पंजाबी स्टार सतिंदर सरताज और सिमी चहल अपनी आनेवाली पंजाबी फिल्म ‘होशियार सिंह (अपना अरस्तु)’ के प्रचार के सिलसिले में पिछले दिनों राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे। प्रचार कार्यक्रम के सिलसिले में दोनों कलाकार यहां के माता सुन्दरी कॉलेज पहुंचे और छात्र—छात्राओं के बीच अपनी फिल्म की खूबियों का बखन किया। दरअसल, इस फिल्म का कथानक थोड़ा अलग है, क्योंकि इसकी कहानी देश की शिक्षा प्रणाली के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में सतिंदर सरताज की भूमिका एक स्कूल शिक्षक की है, जिसने स्कूलों में शिक्षा की एक मजबूत नींव डालने की दिशा में काम करने का बीड़ा उठा रखा है।

ऐसे में यह कहने में गुरेज नहीं कि उदय प्रताप सिंह निर्देशित ‘होशियार सिंह (अपना अरस्तु)’ पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में मील का पत्थर साबित हो सकती है, क्योंकि यह उन महत्वपूर्ण विषयों को छूने में कामयाब रही है, जो अब तक किसी अन्य पंजाबी फिल्म में नहीं देखा गया है। हालांकि, इस फिल्म में दर्शकों को 85 से ज़्यादा कलाकारों की बेहतरीन कास्ट भी देखने को मिलेगा, जिसमें पंजाबी फ़िल्म इंडस्ट्री के कुछ सबसे मशहूर नाम- बी.एन. शर्मा, राणा रणबीर, सीमा कौशल, मलकीत रौनी, रूपिंदर रूपी, सुखविंदर चहल इत्यादि शामिल हैं।
फ़िल्म ‘होशियार सिंह (अपना अरस्तु)’ बेहतरीन मनोरंजन का वादा करती है। दर्शक एक पल के लिए भी फ़िल्म का लुत्फ़ उठाना बंद नहीं करेंगे, क्योंकि यह उनके लिए एक संपूर्ण सिनेमाई अनुभव साबित होगा। और, यह सब शानदार दृश्यों, बेहतरीन अभिनय, भावपूर्ण संगीत और निश्चित रूप से फ़िल्म की दमदार कहानी की वजह से संभव हुआ है।

फ़िल्म के बारे में सतिंदर सरताज का कहना है कि ‘यह एक ख़ास फ़िल्म है और ऐसी कहानी है जिसे बताया जाना ज़रूरी था।’ उल्लेखनीय है कि सतिंदर सरताज ही इस फिल्म के निर्माता भी हैं। वह कहते हैं, ‘यह फिल्म एक संपूर्ण पैकेज है। यह दर्शकों को भावनाओं, हास्य, नाटक और प्रेम के साथ भरपूर मनोरंजन का वादा करती है, जो अनुभव के महत्वपूर्ण हिस्से हैं।’ सतिंदर का मानना है कि फिल्म में पूरी टीम ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, इसीलिए इसका अंतिम परिणाम इतना शानदार रहा है। इस फ़िल्म के ज़रिये हमने दर्शकों को शिक्षा प्रणाली जैसी महत्वपूर्ण चीज़ पर एक नया नज़रिया देने की कोशिश की है। ऐसे में यह दर्शकों को अपनी मान्यताओं और दृष्टिकोणों पर भी सवाल उठाने पर मजबूर करेगी।

वहीं सिमी चहल कहती हैं, ‘यह फिल्म दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करने का वादा करती है, लेकिन साथ ही उन्हें सोचने पर भी मजबूर करती है। मेरा मानना है कि यह फिल्म हर उम्र के लोगों का भूरपमर मनोरंजन करेगी, इसलिए दर्शकों को अपने परिवार के साथ इसका आनंद लेना चाहिए। इसमें दर्शकों को भावनाओं की एक रोलर कोस्टर सवारी का अनुभव होगा क्योंकि फिल्म में हास्य, नाटक और प्रेम समान मात्रा में है।’

जगदीप वारिंग लिखित, उदय प्रताप सिंह द्वारा निर्देशित और दूरदर्शी प्रोडक्शन हाउस ओमजी सिने वर्ल्ड और सरताज फिल्म्स द्वारा निर्मित यह फिल्म 7 फरवरी, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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