हिंदी बने  राष्ट्रभाषा, है जन-जन की अभिलाषा

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पटना: हिंदी सप्ताह के अवसर पर सांस्कृतिक संस्था नवगीतिका लोक रसधार द्वारा फेसबुक पर लाइव कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें प्रसिद्ध लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने अपनी भाषा और बोली के विकास के महत्व पर बल देते हुए प्रसिद्ध रचनाकारों के गीतों को प्रस्तुत किया । उन्होंने कविवर गोपाल सिंह नेपाली द्वारा रचित गीत दो वर्तमान को सत्य सरल, सुंदर भविष्य के सपने दो, हिंदी है भारत की बोली तो अपने आप पनपने दो, यह दुखड़ों का जंजाल नहीं, लाखों मुखड़ो की भाषा है, थी अमर शहीदों की आशा, अब जिंदो की अभिलाषा है पेश किया । इसके बाद उन्होंने डॉ कमलेश द्विवेदी द्वारा रचित गीत-किया जिन्होंने जीवन अर्पित, हिंदी के उत्थान में/श्रद्धा से नतमस्तक मेरा उन सब के सम्मान में, हिंदी का सम्मान करें हम बोले कोई भी भाषा हिंदी में राष्ट्रभाषा यह जन गण मन की अभिलाषा गाया । कार्यक्रम में नीतू नवगीत ने बिहार के कई पारंपरिक लोकगीतों को भी पेश किया । सांस्कृतिक कार्यक्रम में रविंद्र मिश्रा रवीश में तबला पर और सुजीत कुमार ने हारमोनियम पर लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत के साथ संगत किया

 

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