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19 दिसंबर को तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित विश्व कायस्थ महासम्मेलन में सितारों का भी होगा जमावड़ा

पटना। कायस्थ समाज के राजनैतिक, व्यावसायिक, शैक्षणिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध अंतरराष्ट्रीय संगठन ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के सौजन्य से नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आगामी 19 दिसंबर को विश्व कायस्थ महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें राजनीति, फिल्म और सामाजिक क्षेत्र समेत कई क्षेत्र से जुड़े सितारे शिरकत करेंगे।
जीकेसी मीडिया-कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार ने बताया कि देश के विभिन्न कायस्थ संगठनों के सहयोग-समर्थन से ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के बैनर तले विश्व कायस्थ महासम्मेलन के आयोजन को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारियां चल रही हैं। जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कायस्थ हित के लिए राष्ट्रीय – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर  लगातार प्रयासरत राजीव रंजन प्रसाद के नेतृत्व में राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के अलावा देश के विभिन्न राज्यों में इस आयोजन को लेकर जगह-जगह जागरूकता अभियान, जन संपर्क अभियान, शंखनाद यात्रा जैसे कार्यक्रम लगातार किए जा रहे हैं।प्रेम कुमार ने बताया कि विश्व कायस्थ महासम्मेलन में शिरकत करने के लिए अब तक पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद रविशंकर प्रसाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं प्रख्यात अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री सुनील शास्त्री, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व सांसद संजय निरुपम, पूर्व सांसद पवन वर्मा, विधायक अभय वर्मा, प्रख्यात राजनीतिज्ञ चक्रपाणि, प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पवन सिन्हा, फिल्म अभिनेता शेखर सुमन, हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव, पार्श्वायिका प्रिया मल्लिक, शालिनी बैरागी, म़णालिनी अखौरी, दीप श्रेष्ठ समेत देश के विभिन्न प्रमुख राजनीतिज्ञों, संपादकों, पत्रकारों, फिल्म जगत के कलाकारों, लोक गायकों, खिलाड़ियों, औद्योगिक तथा व्यावसायिक संस्थानों के प्रमुखों, अधिकारियों आदि ने इस कार्यक्रम में भाग लेने पर अपनी सहमति दे दी है। उन्होंने बताया कि इस मौके पर कायस्थ जाति के 500 से अधिक ख्यातिलब्ध कलाकारों का भी जुटान होने जा रहा है, जो 19 दिसंबर को अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का भरपूर मनोरंजन करने के साथ-साथ समाज की एकता पर भी अपना संदेश देंगे।

 

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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