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ALIMCO की ‘सिनर्जी समिट 2025’ को मिला डीलरों का साथ, दिव्यांग सेवा में नए आयाम जोड़ने का लिया प्रण

आशुतोष शुक्ला,नई दिल्ली।
भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) ने शनिवार को स्कोप कन्वेंशन सेंटर में अपने वार्षिक डीलर सम्मेलन ‘सिनर्जी समिट 2025’ का आयोजन किया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य निगम और उसके डीलरों के बीच तालमेल को मजबूत करना था, जिससे दिव्यांगजनों को और अधिक गुणवत्तापूर्ण और सुलभ सेवाएँ PSU द्वारा दी जा सकें।

सेवा, समन्वय और विस्तार पर जोर

​कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, प्रवीण कुमार ने ‘सिनर्जी’ (समन्वय) के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ”सही तालमेल से ही एलिम्को अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने डीलरों से सुझाव मांगे और उन्हें पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।”
​महाप्रबंधक अतुल रुस्तगी ने वित्तीय स्थिरता और समयबद्ध आपूर्ति की आवश्यकता पर जोर दिया साथ ही डीलरों की सक्रिय भागीदारी के बिना निगम का व्यापक विस्तार संभव न होने की बात कही । वहीं, महाप्रबंधक अजय चौधरी ने पिछले कुछ वर्षों की सफलताओं का उल्लेख करते हुए बताया कि एलिम्को ने 80,000 ट्राइसाइकिल और 2 लाख से अधिक कान की मशीनें जरूरतमंदो को वितरित की हैं। उन्होंने आधुनिक स्कूटी और कृत्रिम अंगों का भी परिचय दिया व डीलरों को आसरा केंद्रों के लिए आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए जोश भरा।

समाज सेवा ही एलिम्को का मिशन

​उपमहाप्रबंधक शशि त्रिपाठी ने इस बात पर जोर दिया कि एलिम्को सिर्फ एक निगम नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों और समाज के हाशिए पर रह रहे लोगों की सेवा के लिए समर्पित एक मिशन है। उन्होंने बताया कि निगम 26 कैटेगरी में 264 प्रकार के उपकरण बनाता है। इसके उपकरण अब अंतरराष्ट्रीय मानकों के मापदंडो को पूरा करते हैं।
बताते चलें कि पूरे देश में इस समय 78 पीएमडीके और 56 आसरा केंद्रों के माध्यम से लगातार सहायता प्रदान की जा रही है।
​सम्मेलन में अधिकारियों और चैनल पार्टनर्स के बीच एक सत्र में सेवाओं में सुधार के साथ उपकरणों की गुणवत्ता और दिव्यांगजनों की सुविधा पर विस्तार से चर्चा की गई। उत्कृष्ट कार्य करने वाले डीलरों को सम्मानित भी किया गया।
​प्रभारी महाप्रबंधक डिस्ट्रीब्यूशन, विवेक द्विवेदी ने सम्मेलन के अंत में यह संदेश दिया कि डीलरों और निगम का संयुक्त प्रयास ही दिव्यांगजनों के जीवन को अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बना सकता है।

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