लगातार मेहनत करने से मिलती है सफलता : अनिल भंडारी

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तेवरआनलाइन, हाजीपुर

सोनपुर मंडल कर्मचारी कल्याण निधि के तत्वाधान में केंद्रीय विद्यालय, सोनपुर में 11 वीं और 12 वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए कैरियर काउंसिलिंग-सह-टापर से मिलिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस साल की सिविल सेवा परीक्षा में 68 वां रैंक लाने वाले अनिल भंडारी ने इंजीनियरिंग एवं सिविल सेवा परीक्षा के बारे में सभी बच्चों को विस्तार से जानकारी दी।  भंडारी ने कहा कि सफलता के लिए लगातार प्रयास करने की आवश्यकता है। मंजिल-दर-मंजिल निर्माण करने से ऊंची इमारत बन जाती है। इसलिए छोटे-छोटे प्रयास लगातार किये जायें। स्कूल में पढ़ाई के दौरान न सिर्फ तथ्यों को याद किया जाये, बल्कि उनके मूलभाव को समझ कर विषय वस्तु को आत्मसात करें। इससे विषयों पर मजबूत पकड़ बनती है। विद्यार्थियों के साथ अपना अनुभव बांटते हुये अनिल भंडारी ने कहा कि इलेक्ट्रानिक एवं समचार में बी.ई. करने के बाद उन्होंन चार साल तक निजी क्षेत्र में काम किया। वहां पूरी संतुष्टि न मिलने के कारण सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी चालू की। पहले वह भारतीय रेलवे लेखा सेवा के लिए जुने गये। उसके बाद दो प्रयासों में उन्हें असफलता हाथ लगी, लेकिन प्रयास करना नहीं छोड़ा और अंतत: भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुने गये।

सोनपुर के वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी एवं सोनपुर केंद्रीय विद्यालय प्रबंधन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष महेंद्र कुमार ने कहा कि टापर आसमान से नहीं टपकते। कड़ी मेहनत, लगन, और सही दिशा में लगातार प्रयास करने वाले लोग बड़ी-बड़ी सफलताएं हासिल करते हैं। कभी-कभी असफल रहने पर भी निराश नहीं होना चाहिए। असफलता इस बात को इंगित करती है कि सफलता के लिए पूरे मन से प्रयास नहीं किया गया।

केंद्रीय विद्यालय के प्रभारी प्राचार्या एस के झा ने विद्यालय के बच्चों से कहा कि सफल लोगों से प्रेरणा लेकर वे आगे बढ़े। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। कार्यक्रम में मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दिलीप कुमार ने कैरियर विभिन्न विकल्पों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के वरीय शिक्षक नीलेश्वर मिश्रा ने किया।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

3 COMMENTS

  1. आप क्या कह रहे हैं समझ नहीं पा रहा हूं. क्य़ों परेशानी है तो यहां बता सकते हैं…

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