आलोक नंदन
सपनों के पंख से गीतकार मंथन की कच्ची उम्र में मुंबई...
जूलियस सीजर ने अपने सैनिक अधिकारियों को इंग्लैंड के तट पर उतारने के बाद उन्हें अपने सभी जंगी जहाजों को जलाने का आदेश दिया...
अपने आप में एक फिल्म मूवमेंट थे गुरुदत्त
गुरुदत्त के बिना वर्ल्ड फिल्म की बात करना बेमानी है। जिस वक्त फ्रांस में न्यू वेव मूंवमेंट शुरु भी नहीं हुआ था, उस वक्त...
“बाईसिकिल थीफ्स” देखने के बाद फिल्मकार बनने का निश्चय किया था...
इटैलियन नियोरियलिज्म फिल्म मूवमेंट का दुनियाभर के फिल्मों पर जोरदार प्रभाव पड़ा है। इस मूवमेंट को हांकने वाले इटली के फिल्मकारों पर फ्रेंच पोयटिक...
पटना को मैंने करीब से देखा है (पार्ट-7)
उत्पाती बच्चों की पूरी टीम बैजू की दीवानी थी
एथेंस के लगभग सभी प्रमुख विचारकों ने गीत और संगीत की उपयोगिता पर खास जोर दिया...
मनमोहन सिंह “मदर इंडिया” जरूर देखे होंगे, पूरी फिल्म ब्राइट है
महबूब खान की मदर इंडिया पर आज भी आंखे ठहर जाती है, पूरी फिल्म ब्राइट है, और लोकेशन के लिहाज से आउटडोर। कहानी किसान,...
पटना को मैंने करीब से देखा है (पार्ट-6)
फ्री-स्टाइल में होता था फैटा-फैटी
घिच-पिच आबादी वाली बस्ती कई मायनों में बच्चों को समृद्ध करती हैं, और उनके अंदर व्याप्त सहज गुणों को...
…If we could last SEVEN days together !!!
A Story by Alok Nandan
Milton just comes back from India. For last four years he has been doing a research project related with Indian...
पटना को मैंने करीब से देखा है (पार्ट-5)
रेलवे लाइन पर वर्चस्व को लेकर जंग
हिंसा एक स्वाभाविक गुण है- रग-रग में स्वस्फूर्त तरीके से दौड़ने वाली चीज- और यदि इसे परिष्कृत रूप...
संजय उपाध्याय के नेतृत्व में पटना में “रंग जलसा 2010”
तेवरआनलाईन, पटना
निर्माण कला मंच अपना 22 वां स्थापना वर्ष मना रहा है, और इस उपलक्ष्य में पटना के कालीदास रंगालय में चार दिवसीय “रंग...
पटना को मैंने करीब से देखा है (पार्ट-4)
पुनाईचक के रग-रग में आक्रमकता भरी हुई थी
किसी शहर की सांस्कृतिक समृद्धि का अहसास उस शहर के सिनेमाघरों और नाट्य थियेटरों को देख किया...