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Wednesday, May 1, 2024

अज्ञेय को जनविरोधी कहना अधूरी समझ : नामवर

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हिन्दू कालेज में अज्ञेय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी इष्टदेव सांस्कृतयायन, नई दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कालेज में अज्ञेय की जन्म शताब्दी के अवसर पर विश्वविद्यालय अनुदान...

राष्ट्र-धर्म (कहानी)

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लगातार तीन दिनों से सिक्ख रेजिमेंट के जवान पहाड़ी नंबर 447 पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे थे परंतु जैसे ही आगे बढ़ने...

आकृतियां

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आसमान में काफी ऊंचाई पर मंडराते हुये चीलों के झूंड पर उसकी नजरे टिकी हुई थी, दिमाग के परतों के तह में अचिन्हित प्रतिबंबों...

“A woman’s mystery is like slipping tile” (A short story)

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All the time you are not wise, and when you are not wise it is certain you are going to commit a big or...

La commune De Paris

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1. After brutal defeat, Paris was under siege; The National Guard was formed for peace. Martin and Thomas were shot together; Auguste Blanqui was elected as Leader. ''Republican tricolore''...

यशपाल के ‘झूठा सच’ को निगल गया कलकत्ता विश्वविद्यालय

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कलकत्ता विश्वविद्यालय द्वारा बी.ए. हिन्दी आर्नस में यशपाल के उपन्यास “झूठा सच” और मुक्तिबोध की कविताओं को शामिल न करने को लेकर पश्चिम बंग...

तुम खुद मिटती हो और खुद बनती हो

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समुद्र के छोर पर खड़े होकर लहरों के उफानों को देखता हूं हर लहर तुझे एक आकार देते हुये मचलती है, तू ढलती है कई...

The voice of silent suffering (short story)

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''What is it?'', Sulekha asked Amar. ''Silent suffering! My story!!'' Said Amar. ''Our journal follows a certain policy .'' ''But truth is truth.'' ''You write wives are being...

—क्योंकि मुझे अमरत्व में यकीन है (कविता)

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सिगरेट की धुयें की तरह तेरे दिल को टटोल कर तेरे होठों से मैं बाहर निकलता हूं, हवायें अपने इशारों से मुझे उड़ा ले जाती है।  तुम देखती...

नक्सल मूवमेंट को टटोलने की कोशिश (पुस्तक समीक्षा)

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वी. राज बाबुल, नई दिल्ली नक्सल मूवमेंट के कई अनछुये पहलुओं से रू-ब-रू होने का मौका कम ही मिलता है। अखबार में छपे कई शब्द...