पुलिस और अखबार वाले भी मलाई काट रहे हैं पटना में देह-व्यापार के धंधे से
पटना में देह व्यापार के धंधे को लेकर पुलिस कुछ सक्रिय हुई है। एक साथ कई ब्यूटी पार्लर पर पुलिस ने छापा मारा और 17 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें 10 युवतियां हैं। इस छापेमारी से पटना में ब्यूटी पार्लरों की आड़ में धंधा करने वाले लोगों के बीच हड़कंप मचा हुआ है। पिछले कई दिनों से लगातार यह शिकायत आ रही थी कि पटना में ब्यूटी पार्लर के आड़ में देह व्यापार का धंधा खूब हो रहा है। पटना में जारी जिस्मफरोशी के इस धंधे का का नेटवर्क गुवहाटी, कोलकाता और बनारस से भी जुड़ा हुआ है। इसके अलावा कई स्थानीय लड़कियां भी इसमें शामिल हैं।
पटना सेक्स हब के रूप में तब्दील हो चुका है, इसे बिहार के विकास का साइड इफेक्ट माना जा सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन काल में बिहार में खुलापन का दौर शुरु हुआ है और खुलेपन की इसी दौर में लोगों के बीच कम समय में अधिक से अधिक पैसा कमाने की चाहत भी बढ़ी है। ऐसे में देह व्यापार के धंधे में भी उछाल आया है। इस धंधे के लिए ब्यूटी पार्लरों का जबरदस्त इस्तेमाल किया जा रहा है। पटना के विभिन्न इलाकों में ब्यूटी पार्लर के नाम पर जारी देह व्यापार के धंधे की जानकारी पुलिस को बहुत पहले से ही है। चूंकि ये ब्यूटी पार्लर पुलिस वालों की कमाई का एक मतत्वपूर्ण जरिया है, इसलिये इनपर नीचले स्तर के अधिकारी हाथ नहीं डालते हैं। अब पटना में उच्च स्तर के पुलिस अधिकारी इस धंधे को लेकर थोड़ा सक्रिय हुये हैं। यही वजह है कि यहां के ब्यूटी पार्लरों पर छापेमारी हो रही हैं। लेकिन इससे पटना का सेक्स व्यापार पूरी तरह से खत्म हो जाएगा कह पाना मुश्किल है क्योंकि अब तो यह विभिन्न माध्यमों के जरिये पटना में जड़ जमा चुका है।
पटना के तमाम दैनिक अखबारों में फ्रेंड्स क्लब के विज्ञापन भरे रहते हैं। इन विज्ञापनों में छद्म रूप से यही संदेश दिया जाता है कि आपके सेक्स संबंधी जरूरतों की पूर्ति तत्काल कर दी जाएगी। इन विज्ञापनों की आड़ में चल रहे सेक्स के धंधे की तरफ पुलिस का ध्यान न के बराबर है। मजे की बात यह है कि अखबार वाले भी इन विज्ञापनों की सच्चाई को अनदेखी कर महज पैसे की लालच में इन्हें छापते रहते हैं। इन विज्ञापनों में दिये गये नंबर के सहारे आप सहजता से देह व्यापर से जुड़ी लड़कियों को हासिल कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त इंटरनेट के सहारे भी यह धंधा काफी फल फूल रहा है। इंटरनेट पर कई ऐसे साईट्स जिसमें पटना की लड़कियों के बारे में जानकारी दी गई है, जो सेक्स के धंधे में सक्रिय हैं। इंटरनेट के माध्यम से इनसे सहजता से संपर्क किया जा सकता है। पुलिस वाले नेट के माध्यम से पटना में जारी इस धंधे पर आंख मूंदे हुये हैं। एक ओर पुलिस ब्यूटी पार्लरों से अवैध कमाई करने में लगी हुई है तो दूसरी ओर अखबार वाले फ्रेंड्स क्लब के विज्ञापनों से। ऐसे में इस धंधे पर रोक लगा पाना संभव नहीं दिखता है।
बोलूंगा तो लोग कहेंगे सब कुछ नीतीश सरकार के खिलाफ़ ही बोलता है। लेकिन कहता हूँ कि पुलिस छापेमारी कब करती है? शायद तभी जब उसके द्वारा मांगी जी रही रकम को सामनेवाला चुकाने में असमर्थ है नहीं तो सब कुछ ठीक-ठाक ही चलता है। जड़ में जाकर यहाँ कोई समाधान तो होता नहीं लेकिन तने पर कानून चलाए जा रहे हैं।
बात अखबार की। एकदम सही कहा आपने। सारे अखबारों में ऐसे एक-दो नहीं दसियों विज्ञापन होते हैं जिसे सरकार का कोई आदमी नहीं देखता और अखबार वाले के लिए आपको एक बात बता दूँ कि अभी कुछ दिन पहले मैंने गिनती की थी(हिन्दुस्तान में)। पूरे अखबार में बाक्स में घिरे और बड़े विज्ञापन तो 180 से अधिक थे और जैसा आपने कहा है उस तरह के और छोटे-छोटे विज्ञापन भी 100 से ज्यादा होंगे। यानि एक दिन के अखबार में 300 विज्ञापन जिनमें से 100 विज्ञापन एकदम वाहियात किस्म के।