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मुंगेर में उद्घाटन मैच में बरौनी ने भागलपुर को 4- 0से हराया

लालमोहन महाराज, मुंगेर

ऑल इंडिया रविंद्र प्रसाद सिंह मेमोरियल फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन वाल्मीकि मैदान, शीतलपुर में हुआ। उद्घाटन मुकाबले में बरौनी की टीम ने भागलपुर की टीम को चार शून्य से हराया। मौके पर पहुंचे मुख्य अतिथियों ने दिवंगत रविंद्र प्रसाद सिंह जी के फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी और खिलाड़ियों से हाथ मिलाकर परिचय प्राप्त किया । सभी दर्शकों ने खड़े होकर उनकी आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा।

मैच में लाल तुड्डू ने अपनी टीम के लिए हैट-ट्रिक गोल दागे, जिसमें पहला गोल पाँचवें मिनट में, दूसरा गोल तेरहवें मिनट में और चौथा गोल पैंतीसवें मिनट में किया। नितीश कुमार ने मैच के सत्रहवें मिनट में तीसरा गोल दागा। लाल तुड्डू को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।

इस आयोजन में रेफरी की भूमिका में राहुल कुमार, मो रज़ी अहमद, संतोष कुमार, और अजय कुमार मौजूद थे। मुख्य अतिथि के तौर पर जन सुराज के कार्य समिति सदस्य जनाब शहाब मलिक मौजूद थे. साथ ही बरदह क्षेत्र के मुखिया मो फिरोज, जिला फुटबॉल संघ के कार्यकारिणी अध्यक्ष मनोज कुमार अरुण, शत्रुघ्न प्रसाद यादव, पूर्णेंन्दु नारायण सिंह, संजीव कुमार सिंह, राजीव कुमार सिंह ,बिहार फुटबॉल रेफरी संगठन अध्यक्ष प्रवीण शंकर, पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी बिहार पुलिस फुटबॉल टीम के आधार स्तंभ निलेश कुमार सिंह इत्यादि लोग उपस्थित थे।

अब सोमवार दोपहर 2:00 बजे प्रतियोगिता का रोमांचक मुकाबला झारखंड बनाम एकलव्य बिहार के साथ खेला जाएगा। उद्भोषक की भूमिका में अमीर उल इस्लाम मौजूद थे। मुख्य अतिथि शहाब मालिक ने रवींद्र प्रसाद जी के सिद्धांतों को बताया एवं कहा कि उनका सपना था खेल एवं समाज आगे बढ़े.इसे हम सबको आम जीवन में अपनाना जरूरी है।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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