मुंगेर में राशि और मनीष हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा
देवर श्रवण ने ही अपने भाभी राशि वारसी के दूसरे पति हत्यारा शिवपूजन के साथ मिलकर भाभी और भाई को मरवाने में अहम भूमिका निभाई
राशि व मनीश के हत्यारे के सहयोगी श्रवण को पुलिस ने किया गिरफ्तार
फरार अभियुक्त के विरुद्ध पुलिस कर रही है छापेमारी
लालमोहन महाराज,मुंगेर
मुंगेर जिले के नया रामनगर थाना क्षेत्र के नौवागढ़ी स्थित कंतपुर गांव में राशि और मनीष की हुईं हत्या को लेकर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हत्यारे के सहयोगी राशि के देवर श्रवण को गिरफ्तार कर लिया है। मुंगेर एसपी जेजे रेड्डी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि राशि और मनीष की हुई हत्या के बाद हत्यारे व उसके सहयोगियों तक पहुंचने के लिए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नंद जी प्रसाद के नेतृत्व में पुलिस पदाधिकारियों व पुलिस बलों की एक टीम का गठन किया गया। तकनीकी अनुसंधान एवं वैज्ञानिक अनुसंधान के क्रम में यह तथ्य प्रकाश में आया कि मृतका राशि वारसी ,उसका देवर मृतक मनीष कुमार, एक अन्य देवर श्रवण कुमार एवं मृतका का मौसेरा भाई शिवपूजन साह चारों मिलकर मृतका राशि वारसी को पुलिस अधिकारी के रूप में ए एसपी बताते थे तथा एडिट फोटो के आधार पर लोगों को गुमराह कर विभिन्न विभागों जैसे सचिवालय, होमगार्ड, विधानसभा, बिहार पुलिस आदि विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम वसूल करते थे। मृतका राशि वारसी के 11 वर्षीय नाबालिग पुत्री पर भी शिवपूजन साह की बुरी नजर थी। इसी क्रम में 23 अगस्त की रात्रि में मनीष कुमार ने शिवपूजन को मृतका राशि वारसी की पुत्री के साथ गलत हरकत करते देख लिया ।जिसका उसने विरोध किया। इस बात को लेकर घर में झगड़ा झंझट हो गया और इस घटना में राशि वारसी ने भी अपने द्वितीय पति व मौसेरा भाई शिवपूजन साह का विरोध किया। किसी तरह झगड़ा झंझट शांत हुआ। शिवपूजन द्वारा श्रवण को विश्वास में लेकर दस लाख रुपए का लालच देकर एक योजना बनाई कि सभी को सोने देते हैं और राशि वारसी तथा मनीष कुमार को सदा के लिए शांत कर देते हैं। इसी कड़ी में श्रवण कुमार को शिवपूजन ने एक्सटेंशन तार लगाकर छत के सबसे ऊपरी भाग पर पंखा लगा कर सुला दिया। करीब 12:00 बजे रात्रि में जब सब सो गए तो पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार श्रवण एवं शिवपूजन ने मिलकर सबसे पहले मनीष को उसके कमरे से उठाकर ऑफिस वाले कमरे में लिटा कर ललाट पर गोली मारकर हत्या कर दी। उसके बाद शिवपूजन के द्वारा श्रवण के सहयोग से राशि वारसी की भी हत्या कर दी गई । शिवपूजन हत्या करने के बाद जल्दबाजी में भागने के क्रम में अपना मोबाइल छोड़कर फरार हो गया ।तकनीकी वैज्ञानिक अनुसंधान एवं पूछताछ के क्रम में ज्ञात हुआ कि हत्या की घटना शिवपूजन और एवं श्रवण कुमार के द्वारा घटितत की गई है ।सरवन कुमार के द्वारा स्वीकारोक्ति बयान में अपना अपराध स्वीकार किया गया है।