पहला पन्ना

आरक्षित सीटों को भरने में विफल रहा निफ्ट

प्रतिष्ठित नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) में आरक्षित कोटे की सीटें खाली होने के बावजूद दाखिले के लिए मेरिट लिस्ट में चयनित छात्रों  को प्रवेश नहीं दिए जाने का मामला सामने आया है। संस्थान में ओबीसी कोटे की सात, एससी व एसटी कोटे की एक-एक सीटें खाली हैं।

दरअसल, इस वर्ष बैचलर ऑफ डिजाइन (बी. डिजाइन) कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया को लेकर सूचना के अधिकार कानून  (आरटीआई) के तहज संस्थान से मांगी गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है। इस बारे में संस्थान के निदेशक (एडमिशन सेल) धनंजय कुमार से जब आईएएनएस ने बात की तो उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार संस्थान आरक्षण का पूरी तरह पालन कर रहा है।

उनसे जब मेरिट सूची के छात्रों को दाखिले के लिए नहीं बुलाए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, हम डीयू (दिल्ली विश्वविद्यालय) या अन्य संस्थानों की तरह सीटों को भरने के लिए दूसरी या तीसरी वेटिंग लिस्ट जारी नहीं कर सकते। हम गुणवत्ता से समझौता नहीं कर सकते।” लेकिन सवाल यह है कि निफ्ट द्वारा ही तैयार मेरिट सूची को क्या संस्थान अपनी गुणवत्ता के अनुकूल नहीं मानता।

निफ्ट के मुताबिक अन्य पिछड़ा वर्ग (नॉन क्रीमी लेयर) कोटे की सात सीटें खाली हैं, जबकि अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) कोटे की एक-एक सीट खाली पड़ी है।

निफ्ट के निदेशक आर.एम. सिंह के मुताबिक ओबीसी कोटे के तहत वर्ष 2010 में 356 छात्रों को दाखिला दिया जाना था लेकिन महज 349 छात्रों को ही दाखिला दिया गया। ओबीसी कोटे के तहत काउंसलिंग में कुल 530 छात्रों को बुलाया गया था और 18 जून 2010 को 523 रैंक के छात्र को आखिरी दाखिला दिया गया। निफ्ट की ओर से जारी रैंक लिस्ट में बाकी बचे छात्र कॉल का इंतजार करते रहे लेकिन संस्थान की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

आरटीआई के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में निफ्ट ने चुप्पी लगा ली कि आखिर यह फैसला कब लिया गया कि वेटलिस्टेड छात्रों को काउंसलिंग के लिए नहीं बुलाया जाएगा।
बी. डिजाइन के लिए ओबीसी श्रेणी में काउंसलिंग के लिए 530 छात्रों को बुलाया गया। यह संख्या कुल सीटों (356) की तुलना में महज 54 फीसदी ज्यादा छात्र है, जबकि सामान्य कोटे में 85 फीसदी ज्यादा, एससी कोटे में 108 फीसदी ज्यादा और एसटी श्रेणी में 83 फीसदी ज्यादा छात्र काउंसलिंग के लिए बुलाए गए। इस बारे में धनंजय कुमार ने कहा कि पिछले रिकार्डो को देखते हुए एक अनुमान के आधार संस्थान काउंसलिंग के लिए बुलाए जाने वाले छात्रों की संख्या तय करती है।
दूसरी सूची क्यों नहीं जारी की गई तो इस बारे में धनंजय कुमार ने कहा, हमारे पास समय की कमी थी। कम समय में देश भर के लिए छात्रों को बुलाए जाने से दाखिले की प्रक्रिया लंबी खिंचती और इससे पढ़ाई शुरू करने में देरी होती।”

बी. डिजाइन के लिए ओबीसी की काउंसलिंग 18 जून को ही समाप्त हो गई थी और यहां पढ़ाई 28 जुलाई से शुरू हुई। करीब 40 दिनों के इस अंतराल में निफ्ट ओबीसी की सात सीटों को भरने की प्रक्रिया पूरी नहीं कर सका। निफ्ट में बी. एफटेक और मास्टर्स कोर्स के लिए काउंसलिंग की दूसरी लिस्ट जारी की गई लेकिन ओबीसी कैटगरी में दूसरी लिस्ट जारी नहीं की गई।

(साभार : इंडो-एशियन न्यूज सर्विस)

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button