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एनसीपी के केन्द्रीय कार्यालय में संविधान दिवस का हुआ आयोजन

 

संविधान के प्रति लोगों मेंं जन-जागरूकता अभियान की बताई गयी जरूरत

दिल्ली। सत्ता और न्यायालय के बीच टकराहट बढ़ी है और राज्यपालों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर महापुरूषों के बारे में ओछी टिप्पणियाँ की जा रही है, इससे संविधान की आत्मा को ठेस पहुँचती है। साथ में सत्तारूढ़ दलों के नेताओं के व्यवहार और वक्तव्यों से अल्पसंख़्यकों में असुरक्षा की भावना बढ़ गयी है। यह देश के संविधान की मूलभूत स्वरूप के विरूद्ध है। ये बात शनिवार को भारत के संविधान दिवस के उपलक्ष्य पर NCP के नेशनल मीडिया को-आर्डिनेटर प्रो.नवीन कुमार ने कही.इस दौरान उन्होंने कहा ”हमारा संविधान सभी जातियों, धर्मों और वर्गों में समान अधिकार की बात कहता है, जबकि व्यवहार में भेद-भाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है। लोकतंत्र में बोलने की आज़ादी है पर दूसरे की भावना आहत न हो, इसका ख्याल रखना होता है। आज यह भी खण्डित होता दिखाई पड़ता है। ” इसलिए राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी (NCP) प्रबुद्ध नागरिकों से अपील करती है कि वे मर्यादा का पालन करें और अबोध जन को संविधान के प्रति जागरूक बनायें।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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