लिटरेचर लव
गजल
राहुल रंजन महिवाल
महबूब को सजदा करना, पर दुनिया को झुकाना है |
ज़माने में इसी का नाम, यारों दिल का लगाना है |
सुनी सुनाई होती तो हम खामोश रह जाते,
दर्द-ऐ-मोहब्बत को हमने बड़ी शिद्दत से पहचाना है |
सच है कि ज़िन्दगी का मकसद है चलते जाना,
प्यार ने सबक दिया महबूब के पीछे ही जाना है |
ज़िन्दगी की सौगातों को खोते ही जा रहे हैं,
पर इस य़की पर कि उन्हें हमसफ़र बनाना है |
दो रास्ते नजर आते हैं उनकी दो हसीन आँखें,
उनसे गुजर कर ही अपने मंजिल-ऐ-दिल को पाना है |
मिज़ाज है आशिकाना अपना, अंदाज़ शायराना है,
नाम पूछो तो लोग हैं कहते ‘महिवाल’ दीवाना है |
राहुल रंजन महिवाल,
भारतीय प्रशासनिक सेवा
जिलाधिकारी
अमरावती, महाराष्ट्र
Great Sir.. . . Bahot Khub….
Badhiya . . . . . .
Dil ko Lag gai……..!