दवा कंपनियों को लाभ पहुंचा रही है केद्र सरकार

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पार्टी के प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता चितरंजन गगन एवं एजाज अहमद ने कहा है कि राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधीकरण (एन0पी0पी00) के दखल के परिणाम स्वरूप मधुमेह, हाइपरटेंशन एवं हृदय रोग के उपचार से सम्बंधित गैर अधिसूचित 108 दवा बाजार में कम मूल्य पर उपलब्ध थे। एन0पी0पी00 द्वारा औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश 2013 के पैरा 19 के अधीन हस्तक्षेप कर जनहित के आधार पर गैर अधिसूचित 108 दवाओं का मूल्य नियंत्रित किया गया था। फलतः इनके कीमतों में 79 प्रतिशत तक की कमी आयी थी।

ज्ञात हो कि मधुमेह, हाइपरटेंशन एवं हृदय रोग से प्रभावित बहुत सारे लोग इन दवाओं का नियमित इस्तेमाल करते हैं। दवाओं का कीमत घटने से वे काफी खुश थे। परन्तु जनहित की अनदेखी कर केन्द्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत आने वाले औषधि विभाग द्वारा एन0पी0पी00 को गैर अधिसूचित दवाओं को नियंत्रण-मुक्त करने का आदेश दिया गया। जबकि औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश 2013 के पैरा 19 में स्पष्ट प्रावधान है कि जरूरत पड़ने पर एन0पी0पी00 सूचीबद्ध दवाओं के अलावा अन्य दवाओं का भी दाम तय कर सकती है।

राजद नेताओं ने कहा कि यह कितना हास्यास्पद है कि गत 18 जुलाई को केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री निहालचन्द ने राज्य सभा में दिये अपने लिखित उŸार में एन0पी0पी00 के हस्तक्षेप के कारण मधुमेह और हृदय रोग की दवाओं के कीमत में आई भारी कमी का उल्लेख किया था। उन्होंने यह भी स्वीकार किया था कि एन0पी0पी00 का हस्तक्षेप कानून के मुताबिक है। दो महीना में ही फिर ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गई और किसके दबाव पर केन्द्र सरकार द्वारा गत 22 सितम्बर को एन0पी0पी00 को गैर अधिसूचित दवाओं को नियंत्रण मुक्त करने का आदेश दिया गया।

राजद नेताओं ने आरोप लगाया है कि केन्द्र की सरकार आम लोगों के जान के कीमत पर काॅरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचा रही है और उनके दबाव पर ही एन0पी0पी00 को 108 दवाओं को नियंत्रण मुक्त करने का आदेश दिया गया है। राजद ऐसे जनविरोधी कदम का हर स्तर पर विरोध करेगी तथा इसके खिलाफ जन जागरण अभियान चलाकर आम जनों को सच्चाई से अवगत कराया जायेगा।

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