भागलपुर के दरियापुर गांव में अपने बेटे और जमीन को बचाने के लिए दर दर की ठोकरें खा रही महिला

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आलोक कुमार झा,भागलपुर । कहने को तो बिहार में लगातार 17 वर्षों से सुशासन की सरकार है, पूरे बिहार में सुशासन की सरकार का ढिंढोरा जमकर पीटा जाता है। साथ ही महिला सशक्तिकरण व महिला सुरक्षा के नाम पर केंद्र व राज्य सरकार की अनेकों योजनाएं हैं,
लेकिन इसी सुशासन की सरकार में प्रशासनतंत्र व राजनीतिक दलों के माफिया के द्वारा एक विधवा महिला के ऊपर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना भागलपुर जिले के शाहकुंड प्रखंड सजोर थाना क्षेत्र के अन्तर्गत दरियापुर गांव की महिला रीना झा के साथ हो रही है।

लाचार और बेबस मां ने मामले के बारे में क्या बताया

दरअसल मामला एक जून का है, जिसमे विधवा व लाचार रीना झा का कहना है कि मेरे बेटे रूपेश कुमार झा को गांव के ही दबंग रघुनंदन चौबे उर्फ दुखहरण चौबे, त्रिपुरारी चौबे उर्फ बावन चौबे , चांमपु चौबे एवम उज्वल चौबे के द्वारा दिन के लगभग तीन बजे शिवालय के पास के रोड पर से घसीट कर और मेरे बेटे को मारपीट करते हुए मोटरसाइकिल पर जबरन उठा कर अपने साथ लेकर चला गया। जिसके बाद मेरे द्वारा थाना प्रभारी को सूचना दी गई जिसपर कोई एक्शन नहीं लिया गया, अगले दिन दो जून को वरीय पुलिस अधीक्षक बाबूराम को आवेदन के माध्यम से घटना की सूचना दी गई।उसके बाद भी मेरे बेटे का कोई अतापता नहीं चल पाय। तीन जून को ग्रामीणों के मध्यम से मुझे पता चला कि मेरे बेटे को थाना में ही रखा गया है। थाना प्रभारी से पूछने पर बताया गया की उसका अपहरण हीं नहीं हुआ है ।दुबारा थाना प्रभारी से पूछने पर बताया गया की रूपेश कुमार झा को छोड़ दिया गया है।ऐसे में प्रतीत होता है कि थाना प्रभारी के मिली भगत से हीं ये घटना को अंजाम दिया गया है ।ग्रामीणों के द्वारा पता चला कि उसको जबरन शनिवार को जमीन लिखवाने के लिए रजिस्ट्री ऑफिस ले जाने का प्लान है । तभी मैं रजिस्ट्री ऑफिस कुछ लोगों के साथ गई तो देखा कि थाना के गाड़ी से ही मेरे बेटे को लाया गया ।रजिस्ट्री ऑफिस में बेटे को छोड़ने की बात करते ही दबंगों ने मेरे ऊपर हाथा पाई करना शुरु कर दिया।हाथा पाई के तुरंत बाद सजौर थाना की गाड़ी आई और मेरे बेटे को जबरन उठा कर ले गई। पुनः छः जून को मैं पुलिस अधिक्षक के पास दुबारा गई तो दो दिन के बाद आने को कहा गया। इस बीच पता चला की वो लोग मेरे बेटे रूपश कुमार झा को लेकर भागलपुर आए और रजिस्ट्री करवा लिया।
हताहत होकर बेबस व लाचार मां रीना झा समाहरणालय गेट पर आकर फूट फूट कर रोने लगी और अपने बेटे की सही सलामत बरामदगी और जमीन वापस करने की गुहार लगाते दिखी। बेसुध मां राह चलते राहगीरों से भी फरियाद करते दिखी, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं।

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