भाजपा नेता ईर्ष्यापूर्ण राजनीति बंद करे : विजय कुमार चौधरी
तेवरऑनलाईन, पटना
विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि राज्य की वर्तमान सरकार की पहचान गरीबो से जुड़ी योजनाओ के क्रियान्वयन से है। संपूर्ण बिहार के लोग जानते है नीतीश कुमार के नेतृत्व के समय से ही गरीबों के लिए हितकारी योजनाओं का सूत्रीकरण हुआ एवं उन्हें क्रियान्वित किया गया। समाज के वंचित वर्ग यथा दलित, महादलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा एवं अल्पसंख्यकों के कल्याणार्थ बहुतेरी योजनाओ का का निर्माण एवं क्रियान्वयन वर्त्तमान सरकार के कार्यकाल में किया गया उतना शायद ही कभी हुआ हो। यह अलग बात है कि भाजपा नेता इस मुगालते में जीते है की सारी योजनाये उन्ही की वजह से आ सकी। चाहे मुख्यमंत्री साईकिल योजना हो, पोशाक योजना हो, कन्या विवाह योजना या दलित, महादलित,पिछड़ा, अति पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक छात्र छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना हो, ये सारी योजनाये नीतीश जी के दूरदर्शी सोच का ही परिणाम रही है। कभी कभी तकनीकि कारणवश किसी योजना के के लाभार्थी को सुविधा मिलने में देर होने का अर्थ यह नहीं है कि योजना के क्रियान्वयन में कोताही बरती गयी है। सबसे आश्चर्यजनक है कि जब सरकार संचित कार्य को पूरा करती है या किसी योजना को आगे बढाती है तो भाजपा उसका श्रेय लेने की होड़ में लग जाती है। भाजपा के आत्मश्लाघा की पराकाष्ठा है कि जो अच्चा पहले हुआ या अब हो रहा है वो सब भाजपा के अनुसार उनकी ही देन है। भाजपा नेताओं के कुत्सित सोच है कि उन्हें सारी अच्छाई खुद में और सारी बुराई जदयू सरकार में दिखती है। आश्चर्यजनक यह भी है कि भाजपा किसी काम का श्रेय लेने में सही और गलत तथ्यों के बिच अंतर भूल जाती है। इसका सबसे बड़ा उदहारण दुर्गावती जलाशय परियोजना है। नीतीश कुमार के संकल्पित नेतृत्व के कारन ही यह परियोजना सच्चाई में परिणत हो सकी। चालीस सालों से रोहतास और कैमूर के किसानों का यह सपना जब पूरा हुआ तो भाजपा इसका श्रेय लेने को परेशान है। सरकार के फैसले का अगर कोई वित्त/सिंचाई/वनमंत्री अनुपालन करता है तो इसका अर्थ यह नहीं है कि श्रेय किसी मंत्री विशेष को जायेगा अपितु इसका श्रेय सरकार के मुखिया को ही जाता है। यह उचित होगा कि भाजपा नेता जदयू सरकार की नीतियों से ईर्ष्या करना बंद करे तथा एक रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाए।