विश्व पुस्तक मेले में पुस्तक “संसद की शान हम स्त्री शक्तियां” की परिचर्चा में शामिल हुई कई जानीमानी शख्सियतें
राजू बोहरा / ब्यूरो प्रमुख दिल्ली
नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 25 फरवरी से 5 मार्च तक आयोजित विश्व पुस्तक मेले 2023 के आखिरी दिन हॉल नं. 2 में प्रभाकर प्रकाशन के स्टॉल 303-304 में पत्रकार और लेखिका दोयल बोस झारिया की लिखी पुस्तक “संसद की शान हम स्त्री शक्तियां” पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया।परिचर्चा की शुरुआत से पहले कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों सुश्री किरण सेठी, सब इंस्पेक्टर, दिल्ली पुलिस, श्री अभिषेक मेहरोत्रा, संपादक, बिज़नेस वर्ल्ड (हिंदी) तथा चौधरी ए. एन. शाह, एडिटर, राजनीतिक वार्ता ने सर्वप्रथम “संसद की शान हम स्त्री शक्तियां” का विमोचन किया। तत्पश्चात परिचर्चा का शुभारंभ हुआ।
परिचर्चा के दौरान चौधरी ए. एन. शाह, एडिटर, राजनीतिक वार्ता ने कहा कि “लेखिका दोयल बोस झारिया ने एक बहुत ही उम्दा और अनूठे विषय पर पुस्तक लिखी है। उनका प्रयास सराहनीय है। यह पुस्तक पुस्तकों के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगी। स्त्री शक्ति पर आधारित यह पुस्तक जानकारियों से परिपूर्ण होने के अलावा ज्ञानवर्धक भी है। यह लेखिका के कठिन परिश्रम का एक बेहतरीन फल है।”
सुश्री किरण सेठी, सब इंस्पेक्टर, दिल्ली पुलिस, ने दोयल को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “जब दोयल ने मुझे अपनी पुस्तक के लिए एक छोटा सा मैटर लिखने को कहा था, तो मुझे बहुत अच्छा लगा था कि उसने मुझे इस काबिल समझा है। आज मुझे इस बात का गर्व है कि दोयल बोस झारिया की लिखी स्त्री शक्ति पर आधारित इस बेहतरीन पुस्तक “संसद की शान हम स्त्री शक्तियां” का मैं भी एक छोटा सा हिस्सा हूँ और मैं भी एक सक्षम स्त्री हूँ। अब तो मुझे अपनी बायोग्राफी भी दोयल से ही लिखवानी है।”
श्री अभिषेक मेहरोत्रा, संपादक, बिज़नेस वर्ल्ड (हिंदी) ने परिचर्चा के दौरान कहा कि “मुझे इस पुस्तक का विषय बहुत पसंद आया। दोयल ने एक बहुत ही अलग विषय चुना है अपनी पुस्तक के लिए। राजनीति से संबंधित होते हुए भी यह पुस्तक उससे काफी अलग है। मुझे दोयल की लिखी आगामी पुस्तकों का इंतजार रहेगा। दोयल के उज्ज्वल भविष्य के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं उसके साथ है।”
लेखिका दोयल बोस झारिया ने परिचर्चा के दौरान बताया कि “इस पुस्तक को लिखने का ख्याल उनके मन में 19वीं लोकसभा चुनाव के रिजल्ट को देखकर आया था। हालांकि इस पुस्तक को लिखने के दौरान उन्हें बहुत परिश्रम करना पड़ा था, काफी शोध करना पड़ा था, लोगों से मिलना- जुलना पड़ा था। लेकिन उन्हें पुस्तक लेखन के दौरान अपने पति श्री राहुल झारिया का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ, चाहे वह ऑफिस कार्य के मामले में हो या घर से संबंधित अथवा लेखन के लिए। आख़िर नौ माह के अथक परिश्रम के बाद पुस्तक अपने सार्थक रूप में सभी के सामने आई। आज मुझे इस बात की खुशी है कि पुस्तक सभी को पसंद आ रही है। मेरी मेहनत सफल हुई।”
परिचर्चा में सम्मिलित होने वाले अन्य विशिष्ट व्यक्तियों में श्रीमती वंदना सिंह लोधी (डायरेक्टर, प्रभाकर प्रकाशन),
सुश्री निहारिका सिंह (एडिटर, फारोस बुक्स), श्री शिव कुमार कोहली (गायक एवं मार्शल आर्ट टीचर), तौकिर (मास कम्युनिकेशन छात्र), श्री मेहर चंद (कमर्शियल मैनेजर, प्रभाकर प्रकाशन), प्रभाकर नयन पाठक (शास्त्रीय गायक), भी प्रमुख थे।