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ज़ोया खान की फिल्म ‘एक छैला छह लैला’ 4 नवंबर को रिलीज होगी

अमरनाथ ,मुंबई।आये दिन सोशल मीडिया में भोजपुरी हेरोइनो को टक्कर देने वाली ज़ोया खान की फिल्म ‘एक छैला छह लैला’ 4 नवंबर को बिहार – रखण्ड में रिलीज़ की जा रही है। फिल्म ‘एक छैला छह लैला’ को लेकर ज़ोया बहुत उत्साहित है ,फ़ोन पर बात चित में ज़ोया ने बताया की मै आज कल मै उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ शहर में सांसद और अभिनेता दिनेश लाल यादव और अम्रपाली दुबे के साथ फिल्म ”मंडप” की शूटिंग कर रही हु ,शूटिंग के साथ साथ मै खली समय में अपनी फिल्म ‘एक छैला छह लैला’ का प्रमोशन भी कर रही हु। यह फिल्म प्रियदर्शनम प्रोडक्शन के बैनर तले बनी है । इस फिल्म के ट्रेलर को दर्शकों ने बहुत पसंद किया है । फिल्म का ट्रेलर प्रियदर्शनम प्रोडक्शन के ही ऑफिशियल यूट्यूब चैनल से रिलीज किया गया है। अपने अनोखे नाम के साथ इस फिल्म के प्रति लोगों में पहले ही उत्सुकता बनी हुई है। फिल्म के निर्माता प्रियेंद्र सिंह और लेखक निर्देशक रजनीश त्यागी हैं।

लिंक : https://www.youtube.com/watch?v=H1t4dHPDtiQ

बात करें फिल्म की, तो यह पूरी तरह से एक्शन पैक्ड फिल्म है। जिसमें अभिनेता राजीव सिंह का एक्शन फ्रेम शानदार नजर आ रहा है पोस्टर में । फिल्म की कहानी दो रसूखदार खानदान के बीच अहंकार के टकराव को प्रदर्शित करता मालूम पड़ता है। इसी बीच राजीव सिंह उन्हीं के परिवार की लड़कियों के साथ फ्लर्ट करते नजर आते हैं।

यह फिल्म अपने आप में एक अनोखी फिल्म है, जिसकी शूटिंग गुड़गांव में की गई है। रोमांस और ड्रामा जोनर की इस फिल्म में राजीव सिंह और जोया खान लीड रोल में हैं, जबकि फिल्म में सोनालिका प्रसाद ,अन्नू पांडेय ,बृजेश त्रिपाठी,उमेश सिंह,राज चौहान और संजय भूषण पटियाला जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म में गीत झूलन झील का और संगीत मधुकर आनंद का है। फिल्म के पीआरओ संजय भूषण पटियाला हैं। आर्ट डायरेक्टर श्याम लाल हैं। कोरियोग्राफर स्वर्गीय मयंक श्रीवास्तव हैं। डीओपी राकेश तिवारी हैं और एक्शन हीरा यादव ने किया है।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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