देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों और कवियों के द्वारा कवि और दोहाकार सुरेन्द्र सिंह रावत की पुस्तक का नई दिल्ली के हिन्दी भवन में भव्य लोकार्पण हुआ

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राजू बोहरा / दिल्ली ब्यूरो

नई दिल्ली…देवभूमि उत्तराखण्ड ने देश को बहुत से महान कवि और लेखकों की एक अभी न खत्म होनेवाली श्रृंखला दी है। जिनमे सुमित्रानंदन पंत, हिमांशु जोशी, मंगलेश डबराल, शैलेश मटियानी, गौरा पंत शिवानी, डॉ. हरि सुमन बिष्ट, डॉ.अरुण प्रकाश ढौंडियाल, डॉ. मनोज कामदेव व अन्य लेखकों व कवियों के नाम मुख्य रूप से शामिल है जिनकी कृतियों ने समय समय पर साहित्य की भरपूर सेवा कर उसे समृद्ध किया है।

उसी देवभूमि उत्तराखण्ड की पृष्टभूमि से आने वाले उत्तराखण्ड के जाने माने लेखक,कवि व अग्रणीय दोहाकार सुरेन्द्र सिंह रावत की पुस्तक पुस्तक ‘151 गुलाब के फूल, 151 पलाश के फूल ‘ का भव्य लोकार्पण समारोह दिल्ली के हिन्दी भवन में देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों और कवियों के द्वारा किया गया। साहित्य अकादमी से बाल साहित्य के लिए सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त हिन्दी साहित्य के शिखर पुरुषों में गिने जाने वाले डॉ दिविक रमेश की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि प्रोफेसर राजेश कुमार, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान के भूतपूर्व निर्देशक,

एवं विशिष्ट अतिथि डॉ लालित्य ललित , डॉ संजीव कुमार ,डॉ रनविजय राव, डॉ आशा जोशी, रामअवतार बैरवा, आलोक शुक्ला, डॉ मनोज कामदेव, और डॉ ओम प्रकाश प्रजापति, जैसे नामचीन साहित्यकारों, कवियों व दोहाकारों ने ‘151 गुलाब के फूल, 151 पलाश के फूल’ का लोकार्पण समारोह को सम्पन्न किया। इस पुस्तक में पहली बार सुरेन्द्र रावत ने दोहों के साथ उनका अंग्रेजी अनुवाद भी प्रस्तुत किया है।

पुस्तक की भूमिका अंग्रेजी में देश के सुप्रसिद्ध अनुवादक भीष्म कुकरेती ने और हिन्दी में भूमिका देश के सुप्रसिद्ध दोहाकार व मंचों के चहेते डॉ मनोज कामदेव ने लिखी है। पुस्तक में लेखक ने हिन्दी दोहों के समकक्ष अंग्रेजी भाषा के छंदों की रचना कर एक अभिनव प्रयोग करने का प्रयास किया है। पुस्तक में हिंदी दोहों को गुलाब के फूल तथा अंग्रेजी छंदों को पलाश के फूलों के रूप में अवतरित मान कर पुस्तक का नाम ‘151 गुलाब के फूल, 151 पलाश के फूल’ रखा है।
इस मौके पर आमंत्रित लगभग 25 से अधिक कवि/कवियित्रियों ने अपनी अपनी रचनाओं से समॉ बांध दिया। उपस्थित कवियों में पृथ्वी सिंह केदारखण्डी, राजू पाण्डे़, भूपेन्द्र राघव, राजेश श्रीवास्तव, संदीप बिश्नोई, नीरज कुमार, राम शब्द बेनूर, मीना पाण्डेय, उषा श्रीवास्तव उषाराज, फौ़ज़िया अफ़जा़ल, शालिनी मिश्रा, पूजा श्रीवास्तव, लक्ष्मी अग्रवाल, शालिनी शर्मा, मनिषा जोशी मणि, बबली सिन्हा वान्या, नूतन नवल, अपर्णा थपलियाल, संतोष संप्रीति, सुकृति श्रीवास्तव, निधी भार्गव मानवी, सीमा सागर शर्मा, किरन पंत , रिचा जोशी सहित मंचासीन अतिथिगण ने बेहतरीन गीत, दोहे, ग़ज़ल, मुक्तक, छंद, छणिकाएँ, कविताओं आदि से पूरा माहोल साहित्यमय बना डाला।

इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार सीएम् पपने और चारु तिवारी भी मौजूद रहे। इस शुभ अवसर पर देश भर में हो रहे भगवान राम के अयोध्या धाम के उद्घाटन समारोह के मद्देनजर, सभी अतिथियों को रामचरितमानस की एक प्रति देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र का बखूबी संचालन रिचा जोशी ने और द्वितीय सत्र का संचालन पूजा श्रीवास्तव ने किया।

अंत में आद. सुरेंद्र सिँह रावत जी ने स्वंम पुस्तक के प्रकाशक एवं सभागार मे सभी अतिथियों व कवि कवियित्रियों का कार्यकृम नें सहभाग करने व सफल बनाने के लिए आभार व धन्यवाद व्यक्त किया। कार्यक्रम का आयोजन ‘इंडिया नेटबुक्स” एवं द इनक्रेडिबल पहाड़ी’ के तत्वाधान में सयुक्त रूप से किया गया। उत्तराखण्ड की प्रसिद्ध लोक और ‘शकुन आखर’ गायिका श्रीमति किरन पंत ने अपने सुमुधर गायन से डॉ संजीव कुमार जी द्वारा रचित सरस्वती वंदना से कर सभी को हर्षित किया।

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