निर्भय देवयांश
-
लिटरेचर लव
वहशी चालक (कविता)
पतली गली के बीचोंबीच अटकी हैं हजारों लोगों की जानें गलती से ट्रेन के चालक ने संतुलन खो दिया जहां…
Read More » -
लिटरेचर लव
महान कवि की कविता
ऊंची इमारत की ऊपरी मंजिल पर लिखी जाने वाली कविताओं में अब हिन्दुस्तान का बोध नहीं होता शब्द गमगीन की…
Read More » -
लिटरेचर लव
हिंदुस्तान का क्या होगा (कविता)
मुर्दों से भरे पड़े हिंदुस्तान को मर जाने में भला है जीने से क्या होने वाला कुछ भी तो नहीं…
Read More » -
लिटरेचर लव
मंदिर में भगवान
सूखी रोटी के लिए शोर है संसार में आज जीवन फल-फूल रहा हत्या और अपराध में केवल रोटी की कीमत…
Read More » -
बूढ़ा लोकतंत्र (कविता)
दस धूर जमीन के चलते महल की खूबसूरती उदास हो गयी है उस गैर-मजरुआ जमीन पर राजा ने वेश्यालय बना…
Read More » -
अफवाह बना विश्वास (कविता)
निर्भय देवयांश पत्थर की बनी मूर्ति में कोई आवाज नहीं है निर्जीव है लाशों की तरह इंसान के जजबात ने…
Read More » -
वह अनाथ बच्चा
निर्भय देवयांश नदी के किनारे बैठा वह अनाथ बच्चा भारत के भविष्य को खोजता है पानी की तरंगों में, वह…
Read More » -
लिटरेचर लव
आम आदमी का संविधान
निर्भय देवयांश एक आदमी जिसके पास देने के लिए कुछ भी नहीं आखिर यही आदमी सबसे अधिक चिंता क्यों करता…
Read More »