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Sunday, May 5, 2024

तितली या कठपुतली मत बनिये – महादेवी वर्मा

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सुनील दत्ता// हमारे यहा लड़की जन्म लेते ही पराई हो जाती है। सब कहते हैं, अरे! लड़की हो गई, जो सुनता है, आह कर के...

हर भ्रष्ट को मारो जूते जी

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फिलहाल भारत में सिविल सोसाइटी की धूम मची हुई है। बहुत कुछ हो रहा है, बहुत कुछ होनवाला है। राजू मिश्रा लंबे समय से...

महिलाओं का ‘राइट टू रिजेक्ट’

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अशोक मिश्र रविवार को सुबह थोड़ी देर से उठा। उठते ही घरैतिन के सुलोचनी चेहरे के दर्शन नहीं हुए, तो मैंने अपनी बेटी से पूछा,...

तीसरा आदमी (व्यंग)

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इष्टदेव सांस्कृत्यायन आज ही ख़बर देखी ‘हर तीसरा भारतीय भ्रष्ट’. केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त, भगवान जाने यह क्या होता है। इस खबर के पहले तक तो...

चलो कही दूर चले (कविता)

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संजय राय की तीन कविताएं 1 चलो कही दूर चले सागर की लहरों से खेले हवाओ से बाते करे और मोतियो को चुने चलो बालू के किले बनाये और मिटटी की...

नव वर्ष के वास्ते कामना

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- धर्मवीर कुमार, बरौनी , बेगुसराय नव वर्ष के वास्ते, है मेरी यह कामना.  जो जहाँ हैं, खुश रहें, दुखों से हो न सामना. नए साल में,...

बूढ़ा लोकतंत्र (कविता)

दस धूर जमीन के चलते महल की खूबसूरती उदास हो गयी है उस गैर-मजरुआ जमीन पर राजा ने वेश्यालय बना रखा था जहां पर जिस्मफरोशी का धंधा कागज के...

मुस्टंडा डॉलर, पिलपिला रुपइया

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Ashok Mishra, New Delhi. भाई डॉलर! इन दिनों आप हमारे देश में बहुत भाव खा रहे हैं। सुना है, जब तक आपके आका इशारा नहीं...

बाइट, प्लीज (part -19)

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40. दो दिन बाद रत्नेश्वर सिंह पटना पहुंचे। माहुल वीर और अविनव पांडे पहले से ही यहां जमे हुये थे। रत्नेश्वर सिंह ने अनौपचारिक तौर...

एक पत्रकार का विक्ली आफ (कहानी)

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“भाई कल डेस्क पर संकट है, लोग कम है, आप आ जाइऐगा ”, बस ये चंद शब्द काफी होते हैं आपके विक्ली आफ का...