तितली या कठपुतली मत बनिये – महादेवी वर्मा
सुनील दत्ता//
हमारे यहा लड़की जन्म लेते ही पराई हो जाती है। सब कहते हैं, अरे! लड़की हो गई, जो सुनता है, आह कर के...
हर भ्रष्ट को मारो जूते जी
फिलहाल भारत में सिविल सोसाइटी की धूम मची हुई है। बहुत कुछ हो रहा है, बहुत कुछ होनवाला है। राजू मिश्रा लंबे समय से...
महिलाओं का ‘राइट टू रिजेक्ट’
अशोक मिश्र
रविवार को सुबह थोड़ी देर से उठा। उठते ही घरैतिन के सुलोचनी चेहरे के दर्शन नहीं हुए, तो मैंने अपनी बेटी से पूछा,...
तीसरा आदमी (व्यंग)
इष्टदेव सांस्कृत्यायन
आज ही ख़बर देखी ‘हर तीसरा भारतीय भ्रष्ट’. केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त, भगवान जाने यह क्या होता है। इस खबर के पहले तक तो...
चलो कही दूर चले (कविता)
संजय राय की तीन कविताएं
1
चलो कही दूर चले
सागर की लहरों से खेले
हवाओ से बाते करे
और मोतियो को चुने
चलो बालू के किले बनाये
और मिटटी की...
नव वर्ष के वास्ते कामना
- धर्मवीर कुमार, बरौनी , बेगुसराय
नव वर्ष के वास्ते, है मेरी यह कामना.
जो जहाँ हैं, खुश रहें, दुखों से हो न सामना.
नए साल में,...
बूढ़ा लोकतंत्र (कविता)
दस धूर जमीन के चलते
महल की खूबसूरती उदास हो गयी है
उस गैर-मजरुआ जमीन पर
राजा ने वेश्यालय बना रखा था
जहां पर जिस्मफरोशी का धंधा
कागज के...
मुस्टंडा डॉलर, पिलपिला रुपइया
Ashok Mishra, New Delhi.
भाई डॉलर! इन दिनों आप हमारे देश में बहुत भाव खा रहे हैं। सुना है, जब तक आपके आका इशारा नहीं...
बाइट, प्लीज (part -19)
40.
दो दिन बाद रत्नेश्वर सिंह पटना पहुंचे। माहुल वीर और अविनव पांडे पहले से ही यहां जमे हुये थे। रत्नेश्वर सिंह ने अनौपचारिक तौर...
एक पत्रकार का विक्ली आफ (कहानी)
“भाई कल डेस्क पर संकट है, लोग कम है, आप आ जाइऐगा ”, बस ये चंद शब्द काफी होते हैं आपके विक्ली आफ का...